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DDA: किसी भी विध्वंस से पहले लोगों को मिले सुनवाई का मौका

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DDA: दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार, 08 नवंबर को महरौली पुरातत्व पार्क क्षेत्र में रहने वाले लोगों को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा जारी विध्वंस नोटिस को रद्द कर दिया। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति संजीव नरूला की खंडपीठ ने डीडीए को नए सिरे से प्रक्रिया शुरू करने और यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि आगे किसी भी विध्वंस से पहले लोगों को सुनवाई का निष्पक्ष और उचित अवसर दिया जाए।

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DDA: सुनवाई के लिए दिया जाए उचित अवसर

कोर्ट ने आदेश में कहा, “चूंकि यह एक स्वीकृत स्थिति है कि डीडीए अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार विध्वंस नोटिस से पहले याचिकाकर्ताओं को कोई सूचना जारी नहीं की गई थी, इसलिए हम 12 दिसंबर, 2022 को जारी विध्वंस नोटिस को रद्द करते हैं। साथ ही हम डीडीए को निर्देश देते हैं कि प्रक्रिया को नए सिरे से शुरू करें, यह सुनिश्चित करते हुए कि आगे किसी भी विध्वंस कार्रवाई शुरू होने से पहले सभी याचिकाकर्ताओं को डीडीए अधिनियम की धारा 30 (1) के प्रावधान के अनुसार सुनवाई का उचित अवसर दिया जाए।

डीडीए अधिनियम की धारा का है उल्लंघन

यह तर्क दिया गया कि डीडीए का विध्वंस आदेश ग्राम महरौली के बजाय विशेष रूप से ग्राम लाधा सराय के आसपास के अनधिकृत कब्जों को लक्षित करता है। इसलिए उन्होंने तर्क दिया कि ऐसे आदेशों का विस्तार उनकी संपत्तियों तक नहीं होना चाहिए या उन्हें प्रभावित नहीं करना चाहिए। याचिकाकर्ताओं ने दलील दी कि विध्वंस अभियान शुरू होने से पहले उनकी निष्पक्ष सुनवाई नहीं की गई और यह डीडीए अधिनियम की धारा 30(1) का उल्लंघन है।

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