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AAP सांसद संजय सिंह का अडानी पर हमला, कहा- ‘भारतीय निवेशकों को लूटा..’

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हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अब खोजी पत्रकारों के समूह आर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (ओसीसीआरपी) ने अडानी समूह को लेकर बड़ा आरोप किया है। आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने गुरुवार को ओसीसीआरपी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि विदेशों में फर्जी कंपनियां खोलकर हजारों करोड़ रुपए अडानी की कंपनियों में लगाकर शेयर की कीमत बढाई गई और भारतीय निवेशकों को लूटा गया। चीन के व्यापारी चांग चूंग लिंग और यूएई के नासीर अली ने टैक्स हैवेन्स देश मॉरिशस व बर्मूडा में ये फर्जी कंपनियां खोली थीं और गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी के साथ मिलकर भारत का पैसा विदेश में भेजा।

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संजय सिंह ने कहा कि इसके बाद विनोद अडानी की एक्सल कंपनी ने इनकी कंपनियों को भारत में स्थित गौतम अडानी की कंपनियों में पैसा लगाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि 2014 के पहले से ही सेबी को अडानी के हजारों करोड़ के भ्रष्टाचार की जानकारी है। इसके बावजूद वो सुप्रीम कोर्ट की आंख में धूल झोंकने का काम कर रही है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट को ओसीसीआरपी की रिपोर्ट का संज्ञान में लेकर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और “आप” की प्रवक्ता रीना गुप्ता ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में अडानी के भ्रष्टाचार को लेकर एक प्रेस वार्ता कर बड़ा खुलासा किया।

उन्होंने कहा कि जनवरी 2023 में आई हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडानी की कंपनियों का बहुत बड़ा आर्थिक भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ था। अडानी ने विदेश में बनी फर्जी कंपनियों के साथ मिलीभगत करके बड़ा घोटाला किया था। उसके बाद विपक्ष ने संसद में अडानी की कंपनियों की जांच करने की मांग की थी। विदेश में बनी फर्जी कंपनियों के माध्यम से अडानी की कंपनियों में लाखों करोड़ रुपए लगाया गया है। फर्जी तरीके से अडानी की कंपनियों के शेयर बढ़ाए गए हैं। यानी अडानी की कंपनियों का वास्तविक मूल्य उतना नहीं था। इसके बावजूद बाहर से पैसा लगाकर फर्जी तरीके से भारत में अडानी की कंपनियों के शेयर के दाम बढ़ाए गए और भारत के निवेशकों ने बढ़े हुए दाम पर अडानी का शेयर खरीदा था।

संजय सिंह ने आगे कहा कि हिंडनबर्ग के खुलासे के बाद अडानी का शेयर एका एक गिर गया और निवेशकों का सारा पैसा डूब गया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया। सेबी भी जांच कर रही है।

राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि सेबी को आर्थिक भ्रष्टाचार की जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। यह बहुत ही आश्चर्यजनक बात है कि सेबी अच्छी तरह से जानता है कि अडानी ने इस मामले में भ्रष्टाचार किया है। इसके बाद भी सुप्रीम कोर्ट की आंख में धूल झोंकने का काम कर रही है। सेबी ने सुप्रीम कोर्ट में जाकर कहा कि एक्सपर्ट कमेटी दीवार में ठोकर मार रही है। अगर सेबी इसकी जांच करती हैं तो इसके लक्ष्य की कोई सीमा नहीं होगी। सेबी ने किसके कहने पर सुप्रीम कोर्ट की आंख में धूल झोंका और क्यों गुमराह किया? क्योंकि यह बहुत बड़ा मामला है। सुप्रीम कोर्ट को इस बात को संज्ञान में लेना चाहिए। इस बात का खुलासा खोजी पत्रकारिता आर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (ओसीसीआरपी) से जुड़े कुछ लोगों ने किया है।

राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि खोजी पत्रकारों ने खुलासा किया है कि ये लोग गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी के साथ मिलकर सेबी के नियमों के विरुद्ध फर्जी कंपनियां बनाकर भारत में पैसा लगा रहे थे और यह सीधा-सीधा मनी लॉड्रिंग का मामला है। भारत से पैसा विदेशों में जाता था, विदेशों से पैसा अडानी की कंपनियों में आता था और अडानी की कंपनियों के शेयर बढ़ाए जाते थे और भारत के लोग बढ़े हुए शेयर को खरीदते थे। जब हिंडनबर्ग रिपोर्ट में जब इस भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ तो अडानी की कंपनियों को करीब 5 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। खुद सेबी ने बताया कि छोटे निवेशकों का करीब 22 हजार करोड़ रुपए डूब गया। एलआईसी ने भी 36 हजार करोड़ रुपए निवेश कर अडानी की कंपनियों का शेयर खरीदा था और हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद एलआईसी को 16 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।

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