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दिल्ली सीएम केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखा पत्र, कहा- सुंदरलाल बहुगुणा को किया जाए भारत रत्न से सम्मानित

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नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर प्रख्यात पर्यावरणविद स्व. सुंदरलाल बहुगुणा को भारत रत्न से सम्मानित करने का अनुरोध किया है। सीएम ने कहा कि जिस समय पर्यावरण संरक्षण का भाव अंतरराष्ट्रीय विमर्श में भी नहीं था, उस समय स्व. सुंदरलाल बहुगुणा ने समूचे विश्व पर आने वाले खतरे को भांपते हुए स्वयं को पर्यावरण की रक्षा के लिए समर्पित कर दिया। उनके द्वारा शुरू किया गया चिपको आंदोलन उत्तर भारत में हिमालय से शुरू होकर दक्षिण में कर्नाटक तक पहुंचा। सीएम ने कहा कि हमने दिल्ली विधानसभा में स्व. सुंदरलाल बहुगुणा की तस्वीर लगवाई है, ताकि उनका जीवन और उनके द्वारा पर्यावरण सुरक्षा के लिए शुरू किया गया यज्ञ, दिल्ली के नीति नियंत्रण के लिए प्रेरणा और मार्गदर्शन करता रहे। दिल्ली सरकार की ओर से मेरा अनुरोध है कि स्व. सुंदरलाल बहुगुणा को भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित किया जाए। स्व. सुंदरलाल बहुगुणा को भारत रत्न प्रदान करने से इस सम्मान का ही सम्मान होगा।

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स्व. सुंदरलाल बहुगुणा द्वारा शुरू किया गया चिपको आंदोलन उत्तर भारत में हिमालय से शुरू होकर दक्षिण में कर्नाटक तक पहुंचा- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री को संबोधित पत्र में लिखा है कि उत्तराखंड के निवासी और चिपको आंदोलन के लिए मशहूर पर्यावरणविद स्वर्गीय सुंदरलाल बहुगुणा द्वारा राष्ट्र निर्माण में दिए गए योगदान से तो आप परिचित ही हैं। स्व. सुंदरलाल बहुगुणा ने अपनी 94 वर्ष की यात्रा इसी वर्ष 21 मई, 2021 को अंतिम सांस लेते हुए पूर्ण की। उनका पूरा जीवन देश व समाज के लिए और मानवता की भलाई के लिए इतने कार्यों से भरा हुआ है कि हम कभी भी उस से उष्ण नहीं हो सकते।

दिल्ली सरकार की ओर से मेरा अनुरोध है कि स्व. सुंदरलाल बहुगुणा को भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित किया जाए, उन्हें भारत रत्न प्रदान करने से इस सम्मान का ही सम्मान होगा- अरविंद केजरीवाल

पत्र में आगे लिखा है कि इस वर्ष हम देश की आजादी के 75 वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं। स्व. सुंदरलाल बहुगुणा ने अपना बचपन महात्मा गांधी की प्रेरणा से स्वतंत्रता संग्राम में देश को आजाद करने के लिए लड़ते हुए बिताया। आजादी के बाद वे संत विनोबा भावे की प्रेरणा से भूदान और ग्राम स्वराज योजना के कार्यक्रमों में लग गए। जिस समय दुनिया आंख बंद करके पर्यावरण के शोषण में लगी थी और पर्यावरण संरक्षण का भाव अंतरराष्ट्रीय विमर्श में भी नहीं था, उस समय उन्होंने राष्ट्र और समूचे विश्व पर आने वाले खतरे को भांपते हुए स्वयं को पर्यावरण की रक्षा के यज्ञ के लिए समर्पित कर दिया। मां ने संदेश दिया कि मनुष्य प्रकृति को अपने निजी संपत्ति मानने की भूल कर बैठा है और इसके अंधाधुंध दोहन की वजह से संसार में अनेक विसंगतियां और समस्याएं उत्पन्न होने जा रही है। उनके द्वारा शुरू किया गया चिपको आंदोलन उत्तर भारत में हिमालय से शुरू होकर दक्षिण में कर्नाटक तक पहुंच गया।

सीएम ने पत्र में लिखा है कि हम भारत के लोगों का सौभाग्य है कि हमें मार्गदर्शन देने के लिए स्व. सुंदरलाल बहुगुणा जैसा व्यक्तित्व हमारे देश में पैदा हुआ। उनका पूरा जीवन हम सबके लिए प्रेरणा का स्रोत है। दिल्ली में हमने दिल्ली विधानसभा में स्व. सुंदरलाल बहुगुणा की तस्वीर लगवाई है ताकि उनका जीवन और उनके द्वारा पर्यावरण सुरक्षा के लिए शुरू किया गया यज्ञ, दिल्ली के नीति नियंत्रण के लिए प्रेरणा और मार्गदर्शन करता रहे।

सीएम ने पत्र के माध्यम से अपील करते हुए कहा कि आजादी के 75वें साल में जब हम अपने स्वतंत्रता सेनानियों और पिछले 25 वर्ष के सफर में राष्ट्र को सही दिशा देने वाले गणमान्य व्यक्तियों को सम्मानित करने का काम कर रहे हैं तो ऐसे में दिल्ली सरकार की और से मेरा आपसे अनुरोध है कि स्व. सुंदरलाल बहुगुणा को भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित किया जाए। हमारा मानना है कि स्व. सुंदरलाल बहुगुणा को भारत रत्न प्रदान करने से इस सम्मान का ही सम्मान होगा।

मैं उम्मीद करता हूं कि आप दिल्ली सरकार के इस निवेदन पर गौर करेंगे और इस दिशा में यथाशीघ्र समुचित निर्णय लेंगे । उल्लेखनीय है कि दिल्ली विधानसभा परिसर में पर्यावरणविद स्व. सुंदरलाल बहुगुणा की स्मृति में पौधारोपण और उनके चित्र का अनावरण किया गया था। इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि स्व. सुंदरलाल बहुगुणा ने अलग-अलग गतिविधियों के जरिए और अगल-अलग आंदोलनों के जरिए जो संदेश दिया, हम सभी को मिल कर उसका अनुसरण करना है। मैं केद्र सरकार और प्रधानमंत्री से अपील करूंगा कि स्व. सुंदरलाल बहुगुणा को भारत रत्न से सम्मानित करें। इस संबंध में मैं प्रधानमंत्री को चिट्ठी भी लिखूंगा। इससे पूरा देश गौरवांवित महसूस करेगा। अगर हम ऐसे व्यक्तित्व को भारत रत्न से सम्मानित करते हैं, तो भारत रत्न का मान सम्मान बढ़ेगा। उनको सम्मानित करने से देश के बच्चे-बच्चे तक उनका संदेश पहुंचता है। देश के बच्चे-बच्चे तक उनके जीवन की गाथा पहुंचती है। मैं समझता हूं कि शरीर के रूप में आज वो हमारे बीच में नहीं है, लेकिन उनका जीवन और उनका संदेश हमेशा हमारे साथ रहेगा। रिपोर्ट- कंचन अरोड़ा

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