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कोरोना काल में बिगड़ रहे बच्चे, पढ़ाई के नाम पर मोबाइल पर कर रहे गंदा काम

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नई दिल्ली: कोरोना काल के दौरान इंटरनेट मीडिया के प्रति लोगों का जुड़ाव बढ़ गया है। इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म से ही लोग अपना सारा काम कर रहे हैं। हालांकि इस बीच इसके नकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिल रहे हैं। जैसे साइबर फ्रॉड या बच्चों को बिगाड़ने के रूप में सामने आ रहे हैं। यह नकारात्मक प्रभाव अब समाज के लिए चिंता का विषय बन गया है।

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मालूम हो कि साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ दीपक कुमार (Deepak Kumar) ने बाल संरक्षण विषय पर काम करने वाली संस्था गाइड चाइल्ड (institution guide child) को रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि 70 प्रतिशत बच्चे अपनी उम्र बढ़ाकर एडल्ट साइट्स पर एंट्री करते हैं। जिसके बाद वह अश्लील चैट कर रहे हैं। कई तरह के अश्लील एप पर भी बच्चों का समय बीत रहा है।

दीपक कुमार बताते है कि इस वजह से साइबर क्राइम बढ़ गया है। काफी बच्चे साइबर अपराधियों का सॉफ्ट टारगेट बनते जा रहे हैं। कई गेमिंग ऐप्स के जरिए मोहरा बनाकर बच्चों से जबरन वसूली भी की जा रही है।

बच्चों के लिए जरूरी है ये सावधानी

-पढ़ाई या जरूरी काम के अलावा मोबाइल और कंप्यूटर का ज्यादा इस्तेमाल न करने दें।

-समय-समय पर ब्राउज़िंग हिस्ट्री की जाँच करें, हिस्ट्री डिलीट होने पर कारण पूछें।

-बच्चों के व्यवहार पर नजर रखें और ध्यान दें कि बच्चे कहीं डरे-सहमे तो नहीं रहते।

-बच्चों का सिम एप अपने मोबाइल में रखें और प्रत्येक महीने की कॉल हिस्ट्री जांच करें।

-इंटरनेट एडिक्शन और उसके बुरे प्रभाव के बारे में भी बच्चों को अवगत कराएं।

-एडल्ट साइट के मानसिक दुष्परिणाम के बारे में बच्चों को अवगत कराएं।

-बच्चों के साथ हमेशा दोस्तों की तरह खुलकर व्यवहार करें और उन्हें हमेशा फोटो अपलोड करने से होने वाले मानसिक और शारीरिक नुकसान, इसके मिस यूज और सोशल साइट्स के बारे में जागरूक करें।

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