नक्सलियों ने किया था जवान को अगवा, 7 दिन बाद सुरक्षित अपने घर पहुंचा जवान
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियों ने बस्तर फाइटर्स के एक युवा को अगवा कर शुक्रवार को देर शाम अपनी जन अदालत में पेश कर रिहा कर दिया। जवान को नक्सलियों ने कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है। बीते सात दिनों पहले बस्तर फाइटर्स के युवा शंकर कुड़ीयम को नक्सलियों ने अगवा कर अपने पास रखा था। इसकी सूचना मिलने के बाद उनके परिवार और पूरे आदिवासी समाज के लोग लगातार नक्सली संगठन से जवान की रिहाई की मांग कर रहे थे। शुक्रवार की देर शाम बड़ी संख्या में ग्रामीणों और नक्सलियों की उपस्थिति में गांव में जन अदालत लगाई गई। ग्रामीणों ने इस जन अदालत में जवान को रिहा करने की बात रखी।
पुलिस समझकर किया था अगवा
नक्सलियों द्वारा रिहा किए गए युवा शंकर कुड़ीयम ने बताया कि वह बीते 27 सितंबर को बीजापुर से अपने रिश्तेदारों से मिलने गया था। जब वह वापस आया, नक्सलियों ने उसे रोका और पूछा कि क्या वह पुलिस का मुखबिर है। उसके बाद नक्सली उसे अपरहण कर अपने साथ ले गए। जवान ने बताया कि नक्सलियों ने पहले उसे मारने का निर्णय लिया था। जिसके बाद युवा ने बताया कि उसने नक्सलियों के बीच अपनी बात रखी और उनसे माफी भी मांगी। वहीं बाद में उसे जन अदालत में पेश किया गया और शुक्रवार देर शाम रिहा किया गया।
अदालत लगाने के बाद किया रिहा
बता दें कि नक्सली संगठन अपनी खुद की अदालतों का उपयोग करते हैं। जिसमें स्थानीय लोगों के अलावा नक्सली भी मौजूद रहते हैं। पुलिस के जवान या पुलिस की मुखबिरी करने वाले ग्रामीण को इस दौरान हाथ बांधकर सभी के सामने खड़ा किया जाता है और फिर गांव वालों के सामने निर्णय सुनाया जाता है। इस दौरान ग्रामीणों का भी पक्ष लिया जाता है। वहीं इस जन अदालत में नक्सलियों और ग्रामीणों के बीच एकमत होने से सजा के तौर पर ग्रामीणों के सामने ही हत्या कर दी जाती है।
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