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Chhattisgarh: 7 करोड़ की लागत से बना स्टॉप डैम, 9 महीने में ही पड़ीं दरारें

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Chhattisgarh छत्तीसगढ़ में एक बार सरकारी सिस्टम की कारगुजारी सामने आई है। एमसीबी (MCB) (मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर) जिला के भरतपुर विकासखंड में जल संसाधन विभाग की डौकी झरिया योजना में बड़ा झोल सामने आया है। 7 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे स्टॉप डैम (stop dam) में महज 9 महीने बाद ही निर्माण कार्य में लगी सामग्री और गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं।

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Chhattisgarh में निर्माणाधीन स्टॉप डेम में पड़ने लगी है दरारें

छत्तीसगढ़ के भरतपुर विकासखंड के ग्राम चुटकी में जल संसाधन विभाग की तरफ से 7 करोड़ रुपए की लागत से डौकी झरिया स्टॉप डैम का निर्माण किया जा रहा है। निर्माण में लग रही घटिया सामग्री के चलते निर्माण कार्य के दौरान ही डैम में दरारें दिखने लगी हैं। निर्माणाधीन डैम में बड़ी-बड़ी दरारें स्पष्ट रूप से नजर आने लगी हैं। जिससे निर्माण कार्य पर जल संसाधन विभाग द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की पोल अपने आप खुलने लगी है। डैम में आई दरारों को लेकर ग्रामीणों का गुस्सा भी देखने को मिल रहा है। हालांकि जल संसाधन विभाग के अधिकारी अपना अलग ही राग अलापने में जुट गए हैं।

भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज कर रहा जल संसाधन विभाग

छत्तीसगढ़ के ग्रामीणों की तरफ से लगाए जा रहे भ्रष्टाचार के आरोपों को जल संसाधन विभाग के अधिकारी सिरे से खारिज कर रहे हैं और तर्क दे रहे हैं कि मिट्टी की मात्रा ज्यादा होने की वजह से डैम में दरारे आ रही हैं जिसे ठेकेदार ही ठीक करेगा क्योंकि ठेकेदार के साथ 10 साल तक का अनुबंध है जिसके तहत अगर डैम में कुछ भी गड़बड़ी दिखाई देती है तो ठेकेदार को ही उसे ठीक कराना होगा।

Chhattisgarh में निर्माण कार्य पर उठने लगे हैं कई सवाल

जल संसाधन विभाग के अधिकारी बचाव में भले ही कुछ बोलें लेकिन हकीकत खुद ब खुद सामने आने लग गई है और सवाल उठने लगे हैं कि किसानों के खेतों में सिंचाई के नाम पर बनने वाली बड़ी-बड़ी योजनाएं क्यों बनते ही दम तोड़ने लगती हैं, आखिर गुणवत्ता विहीन काम क्यों किए जाते हैं?

रिपोर्ट- मनोज श्रीवास्तव, एमसीबी जिला, छत्तीसगढ़

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