Allahabad High Court के पूर्व जज ने जुटाई करोड़ों की काली कमाई !,CBI ने चार्ज शीट दाखिल कराई
SN Shukla Case
Allahabad High Court की लखनऊ पीठ के पूर्व जज एसएन शुक्ला(Former judge SN Shukla Case) और उनकी पत्नी सुचिता तिवारी पर CBI ने तगड़ा शिकंजा कस लिया है। आय से अधिक संपत्ति के मामले में जांच की रफ्तार तेज करते हुए CBI ने कोर्ट में चार्ज शीट (charge sheet) दाखिल कर दी है। विशेष न्यायाधीश (सीबीआई पश्चिम) (Special Judge (CBI West) की अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया है, जिस पर अग्रिम कार्यवाही के लिए कोर्ट ने 20 फरवरी की तारीख तय की है।
2019 में CBI ने दर्ज किया था भ्रष्टाचार का पहला केस
सीबीआई दिल्ली की एंटी करप्शन ब्रांच-टू ने 4 दिसंबर, 2019 को एसएन शुक्ला के खिलाफ भ्रष्टाचार का पहला केस दर्ज किया था। उन पर रिश्वत लेकर लखनऊ स्थित एक निजी मेडिकल कॉलेज के पक्ष में फैसला सुनाने का आरोप लगा था।
पूर्व CJI ने दी थी केस दर्ज करने की मंजूरी
जानकारी के मुताबिक जांच एजेंसियों ने तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई को पत्र लिखा था। इसमें जस्टिस शुक्ला के खिलाफ जांच को आगे बढ़ाने की अनुमति मांगी गई थी। इसी सिलसिले में तत्कालीन सीजेआई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था।
उन्होंने कहा था कि संसद में जस्टिस शुक्ला को हटाए जाने को लेकर प्रस्ताव लाया जाए। सीबीआई की शुरुआती जांच में भ्रष्टाचार के सबूत मिले थे। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने तत्कालीन जस्टिस एसएन शुक्ला के खिलाफ केस दर्ज करने की अनुमति दी थी।
फरवरी 2023 में दर्ज हुआ था आय से अधिक संपत्ति का केस
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के पूर्व जज एसएन शुक्ला पर भ्रष्टाचार का दूसरा मामला पिछले साल दर्ज किया गया था। सीबीआई ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का केस फरवरी 2023 में दर्ज किया था। रिटायर्ड जस्टिस के अलावा उनकी पत्नी सुचिता तिवारी और साले साईंदीन तिवारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।
आपको बता दें कि एसएन शुक्ला इलाहाबाद उच्च न्यायालय से जुलाई 2020 में सेवानिवृत्त हुए थे। कार्यकाल के दौरान उन पर भ्रष्टाचार कर अवैध संपत्ति जुटाने के आरोप लगे थे।
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5 साल में 165% बढ़ गई थी आय
सीबीआई की जांच में खुलासा हुआ था कि महज पांच साल में ही पूर्व जस्टिस और उनकी पत्नी की संपत्ति आय से 165 फीसदी अधिक हो गई थी। आरोप है कि रिटायर्ड जस्टिस एसएन शुक्ला ने अप्रैल 2014 से दिसंबर 2019 तक इलाहाबाद और लखनऊ बेंच में जस्टिस रहते हुए करोड़ों की अवैध संपत्ति बनाई है। आरोप है कि उन्होंने परिवार वालों के नाम पर 2.54 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति अर्जित की थी। ये संपत्ति साल 2014 से साल 2019 के बीच अर्जित की गई थी उस वक्त एसएन शुक्ला न्यायमूर्ति थे। इसके अलावा ये भी आरोप है कि उन्होंने अपनी पत्नी सुचिता तिवारी के नाम पर करोड़ों के फ्लैट और खेती की जमीन खरीदी साथ ही साले के नाम पर लखनऊ की सुशांत गोल्फ सिटी में विला खरीदा।
CBI की जांच में खुलीं भ्रष्टाचार की परतें
सीबीआई की जांच में सामने आया है कि अमेठी स्थित शिव शक्ति धाम ट्रस्ट से लाखों रुपये सुचिता तिवारी के खाते में ट्रांसफर किए गए थे। जबकि फैजाबाद के ट्रस्ट ने साल 2015 से 2017 के बीच सुचिता तिवारी के खाते में 2.84 लाख रुपये भेजे थे। फैजाबाद की ही एक शैक्षणिक संस्था ने साल 2015 से 2020 के बीच सुचिता तिवारी को साढ़े आठ लाख रुपये से ज्यादा दिए थे।
ब्लैक मनी को किया व्हाइट, जमीनों में भी की हेराफेरी
सीबीआई की जांच में ये भी खुलासा हुआ कि पूर्व जज एसएन शुक्ला ने ट्रस्ट और संस्थाओं की मदद से अपनी ब्लैक मनी को व्हाइट किया। जांच में सामने आया है कि साल 2012 में एसएन शुक्ला के साले साईंदीन तिवारी के नाम पर लखनऊ में साढ़े तीन लाख रुपये की जमीन खरीदी गई थी, जिसे दो साल बाद शाइन सिटी के संचालकों को 30 लाख रुपये में बेचा गया था।
सीबीआई की जांच में ये भी पता चला कि एसएन शुक्ला ने 2013 में एक जमीन खरीदी थी। उसे चार साल बाद ही शाइन सिटी के संचालकों को तकरीबन 70 लाख रुपये में बेच दिया था। शाइन सिटी के हिमांशु कुमार के जरिए पूर्व जज ने शिव शक्ति धाम ट्रस्ट को 80 लाख रुपये का भुगतान कराया था। इसके अलावा अर्थ इंफ्रा लैंड डेवलपर्स के जरिए भी साल 2018 में लखनऊ में एक भूखंड खरीदे जाने की बात सामने आई है।
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पूर्व जस्टिस एसएन शुक्ला के खेल का ऐसे हुआ था खुलासा
पूर्ज जस्टिस एसएन शुक्ला पर आरोप लगा था कि उन्होंने एक प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में नामांकन की तारीख बढ़ा कर कॉलेज की मदद की थी। साल 2017 में उत्तर प्रदेश सरकार के एडवोकेट जनरल राघवेंद्र सिंह ने जस्टिस शुक्ला के आदेश पर आपत्ति जताते हुए सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी।
तब तत्कालीन सीजेआई दीपक मिश्रा ने मद्रास हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस इंदिरा बनर्जी, सिक्किम हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एसके अग्निहोत्री और मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पीके जायसवाल की इनहाउस कमेटी से इन आरोपों की जांच कराई थी।
कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में साफ कहा था कि जस्टिस शुक्ला के खिलाफ साफ और पर्याप्त सबूत हैं इसलिए उन्हें तत्काल हटाया जाए। इसके बाद तत्कालीन सीजेआई दीपक मिश्रा ने जस्टिस शुक्ला को उस वक्त इस्तीफा देने या समय से पूर्व रिटायर होने के लिए कहा था लेकिन एसएन शुक्ला ने इस बात से इनकार कर दिया था।
जिसके बाद साल 2018 में उनसे कानूनी कामकाज वापस ले लिए गए थे। अब सीबीआई ने पूर्व जस्टिस एसएन शुक्ला और उनकी पत्नी सुचिता तिवारी के खिलाफ सीबीआई की विशेष कोर्ट में चार्ज शीट दाखिल कर दी है।
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