Bihar: विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेले के आयोजन पर संशय बरकरार, पिछले साल भी कोरोना के कारण नहीं किया गया था आयोजित
गया। गया जिले में विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेले के आयोजन पर इस बार भी संशय बरकरार है। मेले का आयोजन होना है या नहीं इस बात को लेकर प्रशासन विचार कर रहा है।
बता दें कि पिछले साल भी कोरोना वायरस के कारण इस मेले का आयोजन नहीं किया गया था।
वहीं, इस साल 20 सितंबर से पितृपक्ष शुरू होना है, लेकिन जिला प्रशासन, पर्यटन विभाग या सरकार की ओर से कोई बात स्पष्ट नहीं हो पा रही है।
विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेले के दौरान देश-विदेश से लाखों की संख्या में हिंदू सनातन धर्मावलंबी यहां आते हैं और अपने पितरों को मोक्ष दिलाने के लिए श्राद्ध कार्य, कर्मकांड, तर्पण आदि करते हैं।
विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के कार्यकारी अध्यक्ष शंभु लाल बिट्ठल ने इस बारे में बताया कि गया के पितृपक्ष मेला से हर तबके के लोग जुड़े हुए हैं। पिंडदान व कर्मकांडों से ब्राह्मणों का भी जीविकापार्जन चलता है।
जिला प्रशासन को कई बार आवेदन दिया गया
शंभु लाल बिट्ठल ने इस बारे में बताया कि पिछले साल मेले का आयोजन नहीं होने से करोड़ों रुपये के राजस्व की हानि हुई थी। प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से काफी नुकसान हुआ था। अगर इस साल भी मेले का आयोजन नहीं हो पाया तो खाने तक के लाले पड़ जाएंगे। समिति की ओर से सरकार व जिला प्रशासन को मेले के आयोजन को लेकर कई बार आवेदन दिया जा चुका है और इस बारे में मुलाकात भी की जा चुकी है।
पितृपक्ष आने में अब कुछ ही दिन बचे हुए हैं। ऐसे में लोगों के बीच संशय की स्थिति बरकरार है। उन्होंने कहा कि कई यात्रियों के फोन भी आते हैं जो मेले के आयोजन के बारे में पूछते हैं। वहीं अगर इस बार भी मेले का आयोजन नहीं होता है तो व्यापारियों को भारी नुकसान होगा।