जमीन की माप के लिए नहीं काटने होंगे अंचल कार्यालय के चक्कर- आलोक मेहता
Alok Mehata PC: पटना राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने रैयत की सहूलियतों को ध्यान में रखते हुए काफी बदलाव किए हैं। इस संबंध में प्रदेश के राजस्व और भूमि सुधार विभाग के मंत्री आलोक मेहता ने जानकारी दी है। पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा, कई सेवाओं को ऑनलाइन किया गया है। अब जमीन की माप के लिए अंचल कार्यालय जाना जरूरी नहीं है। विभाग की वेबसाइट www.emapi.bihar.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन से पहले रैयत(जमींदार किसान) को ई-मापी पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होगा।
Alok Mehata PC: मापी के दस्तावेजों की जांच जरूरी
उन्होंने बताया मापी आवेदन ग्रामीण क्षेत्र में राजस्व मौजावार एवं शहरी क्षेत्र में वार्डवार समर्पित किया जाएगा। ऑनलाइन प्राप्त आवेदन की जांच अंचल अधिकारी द्वारा संबंधित हल्का के राजस्व कर्मचारी से कराई जाती है। रैयति जमीन पर कई तरह के विवाद होते हैं कई मामले न्यायालय में विचाराधीन होते हैं ऐसे में मापी से पहले दस्तावेजों की जांच जरूरी होता है।
ऑनलाइन ही होगा फीस का भुगतान
बताया कि राजस्व कर्मचारी द्वारा मापी के लिए अनुशंसा करने के पश्चात अंचल कार्यालय द्वारा आवेदक को ऑनलाइन विधि द्वारा ही मापी हेतु जमीन फीस का भुगतान करने की सूचना दी जाएगी। आवेदक को मापी हेतु तीन संभावित तिथि का चयन करके पुन आवेदन को अंचलाधिकारी के लोगों में भेजना है।
30 कार्य दिवस के अंदर होगी भूमि की माप
उन्होंने कहा, इस बार आवेदक को कंप्यूटर से ऑटोमेटिक केस नंबर प्राप्त होगा अब अंचलाधिकारी उस केस नंबर के लिए आवेदक द्वारा चयनित्त तिथि एवं अमीन की उपलब्धता के अनुसार मापी की तिथि निर्धारित करेंगे और चौहद्दीदारो समेत सभी पक्षों को मापी का नोटिस देंगे। मापी शुल्क जमा किए जाने के पश्चात अधिकतम 30 कार्य दिवस के अंदर याचित भूमि की माप पूर्ण करने का प्रावधान है लेकिन वैसे मामले जिसमें तत्काल मापी कराया जाना है अंचल अधिकारी अधिकतम 10 कार्य दिवस के भीतर माफी की प्रक्रिया पूर्ण कराना सुनिश्चित करेंगे।
ग्रामीण और शहरी अंचल का अलग-अलग शुल्क
बताया गया कि मापी ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति प्लॉट ₹500 एवं शहरी क्षेत्र में प्रति प्लॉट ₹1000 मापी शुल्क निर्धारित किया गया है। तत्काल मापी के लिए शुल्क दोगुना रखा गया है।
रिपोर्टः सुजीत श्रीवास्तव, ब्यूरोचीफ, बिहार
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