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पंजाब के नए मुख्यमंत्री के सामने क्या हैं चुनौतियां?

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चंडीगढ़: पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। शपथ लेने के बाद बतौर मुख्यमंत्री उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू और प्रदेश के दो नए डिप्टी सीएम भी साथ में थे। सुखजिंदर सिंह रंधावा और ओ पी सोनी ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

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प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान चरणजीत चन्नी काफी भावूक दिखे। उन्होंंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि वो खुद एक साधारण परिवार से आते हैं। इसी कारण वो एक आम व्यक्ति की समस्याएं समझ सकते हैं।

साल 1966 के बाद से, जब राज्य का पुनर्गठन हुआ था। तब से ही पंजाब का इतिहास रहा है कि कोई भी दलित मुख्यमंत्री नहीं बना है। अब तक जितने भी CM बने हैं उनमें से सभी जट सिख थे। केवल पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह को अगर छोड़ दिया जाए।

खुद पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी एक रोयल परिवार से आते हैं। वो महाराजाओं के खानदान से आते हैं। ऐसे में राज्य में एक दलित मुख्यमंत्री बनना जो खुद आम जनता से उठ कर आया हो, उनके सामने काफी चुनौती होगी।

चन्नी ने केंद्र सराकर से किसान कानून वापस लेने की बात कही है और उन्होंने कहा है कि वो किसानों के साथ हैं।

साथ ही उन्होंने किसानों के बिजली और पानी की बिल माफ करने की बात कही है। उन्होंने आगे कहा कि अब तक के सभी के सभी बिजली और पानी के बिल फाड़ दिए जाएंगे।

इसके अलावा, राज्य में तमाम कर्मचारी जो कि अलग-अलग विभागों से हैं सरकार से वेतन बढ़ाने को लेकर मांग कर रहे हैं और कुछ स्थाई होने के लेकर लगातार कई महीनों से काम पर नहीं लौट रहे हैं। उन सभी की समस्याओंं का समाधान होगा। लेकिन उन्हें जनता से थोड़ा वक्त चाहिए।

इसके अलावा पंजाब प्रभारी हरिश रावत ने भी चरणजीत सिंह चन्नी के मुख्यमंत्री बनने पर खुशी जताई है। उन्होंने कहा पहली बार पंजाब को एक साधारण मुख्यमंत्री मिला है।





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