इधर का रहा न उधर का रहा: पार्टी से निकाले गए हरक सिंह रावत, बोले- विनाश काले विपरीत बुद्धि, भाजपा की विदाई 100 % तय
उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री डॉ हरक सिंह रावत (Harak Singh Rawat) को बीजेपी ने 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया है। ख़बर है कि वे अपनी बहु की टिकट के लिए पार्टी में दबाव बना रहे थे।
हरक सिंह पर आरोप है कि वे अपने परिवार के लिए पार्टी पर तीन टिकट देने का दबाव बना रहे थे। वह पार्टी से अपने अतिरिक्त अपनी बहू और अपनी एक समर्थक को टिकट देने की भी मांग कर रहे थे, लेकिन पार्टी हरक सिंह के आगे नहीं झुकी और उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
हिन्दी ख़बर को दिए साक्षातकार में जब प्रधान संपादक अतुल अग्रवाल ने पूछा कि आपने बीजेपी की सरकार बनाने में इतनी मदद की और आपके साथ ऐसा कैसे हो गया।
हरक सिंह रावत बोले, मुझे खुद नहीं मालूम है ऐसा क्यों हुआ, कल प्रह्लाद जोशी का फ़ोन आया और उन्होंने मुझे दिल्ली बुलाया। दिल्ली पहुंचकर अचानक मुझे पता चला कि मुझे पार्टी निकाल दिया गया है। बीजेपी ने मुझे सोशल मीडिया पर चल रहे अफवाहों की वजह से निकाल दिया।
आगे उन्होंने कहा कि भाजपा की विदाई आगामी चुनाव में तय है, उत्तराखंड के नौजवानों और जनता के लिए मैं केदार बाबा से प्रार्थना कर रहा हुं कि भाजपा की विदाई हो जाए।
आगे जब अतुल अग्रवाल ने सवाल किया कि किसकी वजह से ये सब हुआ ? धामी या मदन कौशिक ?
जवाब में हरक रावत ने कहा, मुझे पता नहीं कौन है। मेरी कल धामी के करीबियों से बात हुई तो उन्होंने मुझसे पूछा कि सोशल मीडिया पर चलने वाली ख़बरों का सच क्या है जिसपर मैंने उनसे कहा की ये सब अफवाह है, मगर फिर भी मुझे पार्टी से निकाल दिया गया।
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