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बिहार के कई इलाकों में बाढ़ का कहर, एक लाख दस हजार लोगों को पहुंचाया सुरक्षित

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बिहार: मॉनसून की बारिश उत्तर प्रदेश और बंगाल में तबाही मचा रही है। उत्तर प्रदेश में कहर के तौर पर बारिश हो रही है। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में शारदा नदी उफान पर है। जिसने अपने आस पास के करीब 100 गावों को अपनी चपेट में ले लिया है। बता दें कि लोगों को अपने घर तक पहुंचने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। 

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जानकारी के मुताबिक गांव में कहीं कहीं पानी 4 फुट गहरा है तो कहीं 10 फुट गहरा है। गांव वालों का सारा काम ठप हो गया है। अधिकतम खेती चौपट हो गई है। साथ ही फसलों को भी काफी नुकसान हुआ  है। वहां के रहने वाले लोग घरों में कैद हैं। सूत्रों के मुताबिक वहां के निवासी दिनेश कुमार ने बताया हैं कि उनकी मां की तबियत खराब है। बाढ़ की वजह से वह डॉक्टर तक पहुंच पाने में असमर्थ हैं। इसीलिए उनके बेटे 3 किलोमीटर तक पानी में चलकर दवाई लाए हैं।

अब तक एक लाख दस हजार लोगों को सुरक्षित पहुंचाया

मालूम हो कि वहां लखीमपुर में शारदा और घाघरा से पानी आता है। जहां 2.81 लाख क्यूसेक (cusec) पानी छोड़ा गया है। बिहार के बाढ़ग्रस्त (flooded) इलाकों से अभी तक एक लाख दस हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। दरभंगा, मधुबनी, पूर्व और पश्चिम चम्पारन सहित 11 जिलों के करीब 400 गांव बाढ़ की चपेट में हैं।

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल(National Disaster Response Force) और राज्य आपदा मोचन बल की 16 टीमें राहत और बचाव कार्य में लगाई गई हैं। राज्य की उप-मुख्यमंत्री (deputy chief minister) रेणु देवी (renu devi) ने बताया कि बाढ़ प्रभावित लोगों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए 216 सामुदायिक रसोई बनाई गई हैं। कोविड के टीके लगाने के लिए चिकित्सा दल भी तैनात किए गए हैं।

प्रदेश में कोसी, बागमती और गंडक सहित अनेक नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। डगमारा तटबंध कट जाने से कोसी नदी का पानी सुपौल जिले के तीन सौ से ज्यादा घरों में घुस गया है। जल संसाधन मंत्री (water resources minister) संजय कुमार झा(Sanjay Kumar Jha) के मुताबिक कोसी के पश्चिमी तटबंध को कोई खतरा नहीं है।

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