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वर्ल्ड नंबर-1 ने सिंधु को दोनों गेम में दी शिकस्त; नेट प्ले और लाइन जजमेंट में हारीं भारतीय शटलर, देश कर रहा है कांस्य पदक का इंतज़ार

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नई दिल्ली: नेशनल टोक्यो ओलिंपिक में चीनी ताइपे की वर्ल्ड नंबर-1 जू यिंग ने वर्ल्ड नंबर-7 पीवी सिंधु को 21-18, 21-12 से हरा दिया।। पहले गेम में दोनों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली थी। हालांकि दूसरे गेम में चीनी जू यिंग की खिलाड़ी ने एकतरफा अंदाज में जीत हासिल की। सिंधु अब ब्रॉन्ज मेडल के लिए चीन की जियाओ बिंग हे से मुकाबला करेंगी। ये मुकाबला रविवार को शाम 5 बजे से होगा।

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सिंधु की हार के 3 अहम कारण

सिंधु ओलिंपिक सेमीफाइनल में पहली बार एक ऐसी विपक्षी के खिलाफ उतरी थीं, जिनका हेड टु हेड रिकॉर्ड उनसे बेहतर है। जू यिंग ने इसे अपने गेम से प्रूव भी किया। उन्होंने सिंधु को नेट प्ले, लंबी रैलियां और लाइन जजमेंट में शिकस्त दी।

लंबी रैलियां: सेमीफाइनल में जू यिंग के कई आक्रामक शॉट्स को सिंधु बेहतर तरीके से नहीं खेल पाईं। ताई जू ने सिंधु को थकाकर स्मैश से पॉइंट हासिल किया। उन्होंने सिंधु को कोर्ट में काफी घुमाया। जू यिंग ने माइंड गेम का बेहतर इस्तेमाल किया।

लाइन जजमेंट: सिंधु की लाइन कॉलिंग भी अच्छी नहीं रही। मैच में 7 बार ऐसा हुआ जब उन्होंने यह सोच कर ताई जू के शॉट का जवाब नहीं दिया कि शटल बाहर जा रही है, लेकिन शटल अंदर गिरी। इससे सिंधु को नुकसान उठाना पड़ा।

नेट प्ले: ताईजू ने मैच के दौरान कई बार नेट के करीब शॉट खेले। पहले गेम में सिंधु ने इसका जवाब दिया, लेकिन दूसरे गेम में सिंधु थकी हुई लग रही थीं। नेट के करीब से लगाया गया सिंधु का हर शॉट उनके कोर्ट में ही रुक जा रहा था।

सोशल मीडिया पर बढ़ाया जा रहा है प्रोत्साहन

अभिनव बिंद्रा ने Koo  पर उनको अपना मैसेज देते हुए लिखा: फर्क नहीं पढता है कि आप जीती हो या हारी हो। सबसे ज़्यादा जो ज़रूरी था आपने अपना 100 प्रतिशत दिया। हमें और देश को आप पर गर्व है ! #TokyoOlympics2021 #cheer4India #GoldenGirlofIndia

असम के मुख्यमंत्री Koo  हैंडल लिखते है, आपके जज़्बे और प्रतिभा पर हमें नाज़ है। आप हमेशा से हमारे लिए स्टार थीं और रहोगी।  और आपने हमारा और हमारे देश के गौरव और गरिमा को बनाये रखा।

पूर्व शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने भी अपना सन्देश Koo  पर लिखा, “हमें तुम पर नाज है भारत की पुत्री पी. वी.सिंधु। जीत के लिए तुमने अपना शत प्रतिशत दिया। कांस्य पदक के लिए पूरा देश आपका उत्साहवर्धन करने के लिए तैयार है।”

सिंधु पर हमेशा भारी रही हैं ताईजू

दोनों के बीच अब तक 19 मैच हुए हैं। इसमें से 14 मैच ताईजू और 5 मैच सिंधु ने जीते हैं। इतना ही नहीं सिंधु ताईजू के खिलाफ अपने पिछले चारों मैच हार चुकी हैं। दोनों इससे पहले BWF वर्ल्ड टूर फाइनल्स 2020 में भिड़ीं थीं। तब ताईजू ने सिंधु को 19-21, 21-12, 21-17 से हराया था।

ओलिंपिक से पहले सिंधु के विदेशी कोच पार्क तई संग ने कहा था कि सिंधु की राह में सबसे बड़ा कांटा ताईजू ही हैं। उन्होंने कहा था कि ताईजू अपने मोशन स्किल्स से सिंधु को परेशान करती हैं। इस बार भी वैसा ही हुआ।

ताईजू पहली बार ओलिंपिक फाइनल में पहुंचीं

ताईजू पहली बार ओलिंपिक के फाइनल में पहुंची हैं। वहीं सिंधु पहले वर्ल्ड चैंपियनशिप में 3 ब्रॉन्ज, 2 सिल्वर और एक गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं। सिंधु ने 2016 रियो ओलिंपिक में ताईजू को राउंड स्टेज में 21-13, 21-15 से हराया था। सिंधु रियो में फाइनल तक पहुंची थीं और स्पेन की कैरोलिना मरीन के हाथों हार गई थीं और तब उन्हें सिल्वर से संतोष करना पड़ा था।

सेमीफाइनल तक सिंधु का सफर

ग्रुप स्टेज के पहले मैच में सिंधु ने इजराइल की सेनिया पोलिकरपोवा को 21-7, 21-10 से हराया था। दूसरे मैच में उन्होंने हॉंगकॉंग की गन यी चियुंग को 21-9, 21-16 से हराया था। प्री-क्वार्टर फाइनल में सिंधु ने डेनमार्क की मिया ब्लिचफेल्ट को 21-15, 21-13 से हराया, जबकि क्वार्टर फाइनल में उन्होंने जापान की अकाने यामागूची को 21-13, 22-20 से हराया था।

सेमीफाइनल तक ताईजू का सफर

पहले मैच में ताईजू ने स्विट्जरलैंड की सब्रिना जैकेट और थुई लिन गुयेन को हराया था। क्वार्टर फाइनल में ताईजू को थाईलैंड की रातचानोक इंतानोन के सामने सबसे ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ा। थाईलैंड की खिलाड़ी ने पहले गेम में ताईजू को 21-14 से हराया था। इसके बाद वर्ल्ड नंबर-1 ताईजू ने वापसी की और बाकी दोनों गेम 21-18, 21-18 से जीत लिए।

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