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Virat Kohli को दोबारा सौंपी जाएगी कप्तानी? जानें क्या है BCCI का प्लान

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WTC फाइनल 2023 की करारी शिकस्त के बाद BCCI विराट कोहली को दोबारा टेस्ट कप्तानी सौंपने जा रहा है। विराट से बेहतर फिलहाल दूसरा कोई विकल्प नजर नहीं आ रहा। BCCI का मानना है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत का रवैया आक्रामक नहीं रहा। अगर विराट कोहली होते, तो टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लेते।

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हिटमैन का रवैया सुस्त

 रोहित शर्मा ने रक्षात्मक रवैया अपनाते हुए गेंदबाजी करने का फैसला किया और बदले में ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में ही 469 रन कूट दिया। खासकर ट्रेविस हेड के खिलाफ गेंदबाजी की रणनीति सवालों के घेरे में है। हेड को बाउंसर खेलने में परेशानी होती है।

लेकिन उनके खिलाफ शॉर्ट पिच गेंदों का इस्तेमाल तब शुरू किया गया जब ट्रेविस हेड 140 रन पर पहुंच चुके थे। BCCI इसके पीछे कप्तान रोहित शर्मा को दोषी मान रहा है। कहा जा रहा है कि हिटमैन का रवैया सुस्त था, इसलिए ऑस्ट्रेलिया ने हमसे मुकाबला छीन लिया।

विराट की कप्तानी में भारत ने 68 टेस्ट मैच खेले और 40 मुकाबलों में जीत हासिल की। 17 मैच ड्रॉ रहे और 11 मुकाबले भारत ने गंवाए। 58.82% के साथ विराट विनिंग परसेंटेज के मामले में भी हिंदुस्तान के नंबर वन टेस्ट कप्तान हैं। मैदान पर हर विपक्षी खिलाड़ी का विकेट चटकाने के बाद आक्रामक जश्न किंग की पहचान है।

विराट की बल्लेबाजी में नजर

यह हकीकत है कि विराट के कप्तानी छोड़ने के बाद भारतीय टेस्ट टीम में पहले वाला जुनून देखने में नहीं आया। बदले में हिंदुस्तान ने कुछ आसान टेस्ट मैच भी गंवाया। कप्तानी को लेकर किसी तरह का दबाव कभी विराट की बल्लेबाजी में नजर नहीं आया। कोहली ने बतौर टेस्ट कैप्टन दुनिया में सबसे ज्यादा 7 दोहरा शतक लगाया।

 इसके साथ ही अपनी कप्तानी के दौर में विराट ने 66 टेस्ट मैचों में 55.36 की औसत से 5703 रन बनाया। किंग के बल्ले से साउथ अफ्रीका के खिलाफ 254* रन एक पारी में सर्वश्रेष्ठ स्कोर के तौर पर आया। इसलिए अगर दोबारा टेस्ट क्रिकेट में रोमांच पैदा करना है तो कप्तानी में बदलाव हर हाल में किया जाना चाहिए। विराट को दोबारा टेस्ट कप्तान का जिम्मा दिया जाना चाहिए।

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