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रातों रात IPL स्टार बने ये 5 खिलाड़ी कहां गायब, अब क्या कर रहे हैं?

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IPL के लीग मुकाबले में चेन्नई सुपरकिंग्स और किंग्स इलेवन पंजाब की टीमें आमने-सामने थीं. मोहाली के मैदान पर चेन्नई ने पहले बैटिंग की और स्कोरबोर्ड पर 188 रन टांग दिए. पंजाब की टीम पुणे वारियर्स के खिलाफ अपना पहला लीग मैच हार चुकी थी. ऐसे में ये मैच जीतना टीम के लिए काफी जरूरी था।

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पंजाब के कप्तान एडम गिलक्रिस्ट ने इस बीच एक बड़ा दांव खेला. रेगुलर ओपनर शॉन मार्श की जगह उन्होंने ओपनिंग की जिम्मेदारी पॉल वल्थाटी को दी. और इसके बाद जो हुआ, वो शायद ही क्रिकेट फैन्स कभी भूल पाएंगे. गजब की सेंचुरी… और वल्थाटी बन गए स्टार. मगर इसके बाद वल्थाटी का क्या हुआ, उनके जैसे 4 और वन सीज़न वंडर खिलाड़ियों का क्या हुआ. ये आज आपको बताते हैं-

पॉल वल्थाटी (किंग्स इलेवन पंजाब)

लिस्ट में पहला नाम जाहिर है पॉल वल्थाटी का होगा. वजह वही साल 2011 वाला मैच जिसके बारे में हमने शुरू में आपको बताया. पंजाब के इस प्लेयर ने जोरदार सेंचुरी ठोकी. महज 63 गेंद में नाबाद 120 रन कूटे. पंजाब मैच जीता और लड़का रातों रात हीरो बन गया. ये सीज़न भी वाल्थाटी के लिए तगड़ा रहा।14 मैच में 137 की स्ट्राइक रेट से 463 रन बना डाले. जिसमें 1 शतक और दो अर्धशतक शामिल थे. लेकिन इसके बाद वल्थाटी लगातार चोट से जूझते रहे. IPL 2012 में वो महज 6 और IPL 2013 में सिर्फ 1 मैच खेल पाए. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक फिलहाल वो एयर इंडिया में काम करते हैं और मुंबई में क्लब क्रिकेट खेलते हैं.

स्वप्निल असनोदकर (राजस्थान रॉयल्स)

इस लिस्ट में दूसरा नाम है गोवा के क्रिकेटर स्वप्निल असनोदकर का. IPL के पहले सीज़न में राजस्थान की टीम चैंपियन बनी. जिसमें कप्तान शेन वॉर्न, शेन वॉटसन और युसुफ पठान जैसे खिलाड़ियों ने काफी योगदान दिया. लेकिन जिस एक खिलाड़ी ने पूरे सीजन के दौरान सबसे ज्यादा प्रभावित किया, वो थे स्वप्निल असनोदकर. उन्होंने IPL 2008 में कुल 9 मुकाबले खेले, जिसमें उन्होंने 133.47 की स्ट्राइक रेट से कुल 311 रन ठोक डाले. हालांकि इसके बाद वो कोई प्रभाव नहीं छोड़ पाए. जिसके बाद उनका IPL करियर पूरी तरह से खत्म हो गया.

कामरान खान (राजस्थान रॉयल्स)

अब बात उत्तर प्रदेश के फास्ट बोलर कामरान खान की. कामरान ने साल 2009 में राजस्थान के लिए अपना IPL डेब्यू किया. वो भी बिना कोई फर्स्ट क्लास मैच खेले. उनकी खोज टीम के कप्तान और कोच शेन वॉर्न ने की थी. वॉर्न ने उन्हें ‘टॉरनेडो’ नाम दिया था. इस सीज़न में KKR के खिलाफ वो एक मैच जिताऊ सुपर ओवर डालकर सुर्खियों में आए थे. इस दौरान उन्होंने क्रिस गेल का विकेट भी चटकाया था. उनके स्लिंग आर्म बोलिंग एक्शन को भी लोगों ने खूब पसंद किया. हालांकि उनका एक्शन ही उनके लिए काल बन गया. रिहैब सेंटर में जाकर उन्होंने अपने एक्शन में सुधार तो किया लेकिन इसका असर उनकी बोलिंग पर पड़ा और इसके बाद उनका करियर खत्म हो गया. उन्होंने 11 IPL मैच में कुल 12 विकेट हासिल किए.

राहुल शर्मा (पुणे वारियर्स)

अब बात करते हैं इंडियन टीम के लिए खेल चुके लेग स्पिनर राहुल शर्मा का. जिन्होंने IPL 2011 में अपना रंग जमाया था. इस सीज़न पुणे वॉरियर्स के लिए खेलते हुए उन्होंने 16 विकेट लिए थे. इस दौरान एक मैच के दौरान सचिन तेंडुलकर को बोल्ड करके वो चर्चा में आए थे. इस बेहतरीन प्रदर्शन के बदौलत उन्हें इंटरनेशनल क्रिकेट में भी डेब्यू का मौका मिला. उन्होंने भारत के लिए 4 वनडे और 2 T20 मैच खेले. हालांकि साल 2012 में एक रेव पार्टी में नाम सामने आने के बाद उनका क्रिकेट करियर चौपट हो गया.

यो महेश (दिल्ली डेयरडेविल्स)

इस लिस्ट में आखिरी नाम है दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए खेल चुके मीडियम पेसर यो महेश का. जिन्होंने IPL के पहले सीज़न में ही अपनी खूब छाप छोड़ी थी. इस दौरान उन्होंने 11 मैच में कुल 16 विकेट हासिल किए. लेकिन इसके बाद उनके प्रदर्शन में लगातार गिरावट आई और जल्द ही उनके IPL करियर पर ब्रेक लग गया।

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