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डिफेंडिंग चैंपियन इंग्लैंड की लगातार पांचवीं शर्मनाक हार,जानें वजह

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चिन्नास्वामी स्टेडियम के इतिहास का सबसे छोटा स्कोर बनाकर अंग्रेज श्रीलंका के हाथों 8 विकेट से हार गए। हार भी छोटी-मोटी नहीं, 146 गेंद बाकी रहते! गौर करने वाली बात यह है कि 2007 वर्ल्ड कप से श्रीलंका अंग्रेजों को लगातार धूल चटा रही है। लगातार पांचवां वर्ल्ड कप और पांचवीं शर्मनाक शिकस्त। पहले खेलते हुए अंग्रेज 33.2 ओवर में 156 पर ऑल आउट हो गए।

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लास्ट ईयर की चैंपियन इस वर्ल्ड कप से नॉकआउट

जवाब में श्रीलंका ने 25.4 ओवर में टारगेट हासिल कर लिया। पाथुम निसंका और समरविक्रमा ने 156 गेंद पर 137 रन जोड़कर श्रीलंका को प्रचंड जीत दिला दी। अंग्रेज 5 मैच में 1 जीत और -1.63 के नेट रनरेट के साथ नवें नंबर पर हैं। अगर 29 अक्टूबर को भारत ने इंग्लैंड को धो दिया, तो लास्ट ईयर की चैंपियन इस वर्ल्ड कप से नॉकआउट हो जाएगी।

इंग्लैंड की शर्मनाक शिकस्त

अब इंग्लैंड की शर्मनाक शिकस्त की पूरी दास्तान दिल थाम कर पढ़िए। जिस देश ने हम पर 200 साल राज किया, आज उसी भारत में उसके इज्जत के चीथड़े उड़ रहे हैं। चिन्नास्वामी स्टेडियम में इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का निर्णय लिया। इस स्टेडियम को हिंदुस्तान में बल्लेबाजों का स्वर्ग कहा जाता है। यहीं पर RCB के लिए क्रिस गेल, एबी डिविलियर्स और विराट कोहली ने रनों की बरसात की है।

इंग्लैंड की शुरुआत बुरी

ऐसे में लगा था कि इंग्लैंड भी बाहुबल दिखाएगा। पर हाय रे दिल के अरमान, अंग्रेज 33.2 ओवरों में 156 पर निपट गए। समझ में नहीं आ रहा है कि यह देश 2019 का वर्ल्ड कप कैसे जीत गया? कई बार तो लगता है कि अगर जिम्बाब्वे खेल रहा होता तो मैच में ज्यादा मजा आता। वैसे इंग्लैंड की शुरुआत बुरी नहीं थी। पावरप्ले के 6 ओवर में टीम ने बगैर नुकसान 40 का आंकड़ा पार कर लिया था। अनुभवी एंजेलो मैथ्यूज ने सातवें ओवर की तीसरी गेंद ऑफ स्टंप के बाहर गुडलेंथ पर डाली। रूम बिल्कुल नहीं था लेकिन फिर भी डेविड मलान ने जबरदस्ती स्टीयर करने का प्रयास किया।

धुरंधर बल्लेबाज भी किए निराश

अब चाहे जबरदस्ती रिश्तों में हो या क्रिकेट में, नुकसानदायक होती है। 28 के निजी स्कोर पर विकेटकीपर को मलान ने कैच दे दिया। 45 पर इंग्लैंड को पहला झटका लगा और 85 पर आधी टीम पवेलियन लौट गई। इस बीच 4 बल्लेबाजों ने 63 गेंद पर 40 रन जोड़े। धुरंधर बल्लेबाज जो रूट 10 गेंद में 3 रन बनाकर रन आउट हो गए। महेश थीक्षणा के 10वें ओवर की चौथी गेंद को सीधा पॉइंट फील्डर के हाथ में खेल कर रन भाग रहे थे। रजिथा के 14वें ओवर की दूसरी गेंद को मिडऑन के ऊपर से खेलने के चक्कर में जॉनी बेयरस्टो 30 रन बनाकर मिडऑन को कैच थमा बैठे।

कप्तान का बल्ला फिर एक बार रहा खमोश

 अब बात उस खिलाड़ी की, जिसके बारे में गौतम गंभीर ने कहा था कि वह इस वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा रन बनाएंगे। जी हां, हम बात अंग्रेज कप्तान जोस बटलर की कर रहे हैं। लाहिरु कुमार के 15वें ओवर की पांचवीं आउटसाइड ऑफ फुलर लेंथ गेंद को ड्राइव करने के प्रयास में बटलर विकेटकीपर को बल्ले का किनारा तोहफे में दे बैठे। कप्तान साहब इस वर्ल्ड कप में तीसरी बार विकेटकीपर को कैच थमा कर पवेलियन लौटे।

लाहिरु कुमार के 17वें ओवर की अंतिम गेंद टप्पा खाने के बाद अंदर की तरफ आई। लिविंगस्टोन फ्लिक करने के चक्कर में लाइन चूक गए और LBW करार दिए गए। इन्होंने 6 गेंद पर एक 1 रन की धुआंधार पारी खेली। मोईन अली को काफी मैच के बाद मौका मिला था, लेकिन वह 25वें ओवर की चौथी गेंद को 15 गेंद पर 15 रन बनाकर सीधा बैकवर्ड पॉइंट के हाथ पंच कर बैठे। स्कोर 122 पर 6 आउट। रजिथा के 26वें ओवर की पांचवीं गेंद पर क्रिस वोक्स भी बगैर खाता खोले बैकवर्ड पॉइंट को कैच दे बैठे।

बेन स्टोक्स नाम के विपरीत प्रदर्शन रहा

इतनी सारी राम कहानी के बीच आपने यह गौर किया होगा कि अभी तक बेन स्टोक्स का नाम नहीं आया है। दरअसल भाई साहब एक छोर संभाल रहे थे, लेकिन सवाल था कब तक? लाहिरु कुमार के 31वें ओवर की पहली शॉर्ट गेंद पर बेन स्ट्रोक्स पुल शॉट सीधा मिडविकेट के हाथ में खेल बैठे। उन्होंने 73 गेंद पर 6 चौकों की मदद से 43 रन बनाए।

आप कह सकते हैं कि स्टोक्स ने बड़े शॉट खेलने में जल्दबाजी कर दी, लेकिन अब कर दी तो कर दी।  स्टोक्स के रूप में इंग्लैंड को आठवां झटका लगा और पूरी टीम 156 पर पैक हो गई। जवाब में श्रीलंका का स्कोर 9 पर 1 और 23 पर 2 हो गया। कुछ पल के लिए गलतफहमी हुई कि अंग्रेज मैच में वापस आ सकते हैं। पर जैसे 1947 के बाद भारत से अंग्रेजी हुकूमत हमेशा-हमेशा के लिए खत्म हो गई।

इंग्लैंड के बल्लेबाज रेपुटेशन के लिए खेले

पाथुम निसंका और समरविक्रमा ने इस तरह मैच से इंग्लैंड को खदेड़ दिया। निशंक ने 83 गेंद पर 7 चौकों और 2 छक्कों की मदद से 77 रनों की नाबाद पारी खेली। स्मरविक्रमा 54 गेंद पर 7 चौकों और 1 छक्के की मदद से 65 पर नाबाद रहे। अंग्रेजों की दर्दनाक हार के बाद मशहूर क्रिकेट एक्सपर्ट गौतम गंभीर ने कहा कि इंग्लैंड के बल्लेबाज रेपुटेशन के लिए खेल रहे थे, अपने देश के लिए नहीं। बात कड़वी है लेकिन सही प्रतीत होती है।

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