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शक्तिकांत दास को मिली बड़ी जिम्मेदारी, प्रधानमंत्री मोदी के प्रधान सचिव हुए नियुक्त

Shaktikanta Das : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास को एक नई और महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपते हुए उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रधान सचिव-2 नियुक्त किया गया है। कैबिनेट की नियुक्ति समिति (ACC) ने यह निर्णय लिया और यह पद उन्हें अगले आदेश तक सौंपा गया है। शक्तिकांत दास, जिन्होंने 6 साल तक आरबीआई गवर्नर के रूप में अपनी सेवाएं दीं और दिसंबर 2024 में रिटायर हुए, अब प्रधानमंत्री मोदी के आर्थिक और वित्तीय निर्णयों में रणनीतिक मार्गदर्शन करेंगे।

शक्तिकांत दास की नई भूमिका और जिम्मेदारियां

यह नियुक्ति ऐसे समय में की गई है जब भारत सरकार अपनी आर्थिक नीतियों और वित्तीय प्रशासन को और अधिक मजबूत करने पर ध्यान दे रही है। शक्तिकांत दास का अनुभव न केवल आरबीआई गवर्नर के रूप में, बल्कि वित्त, कराधान, उद्योग, और बुनियादी ढांचे जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी रहा है। अब प्रधान सचिव-2 के रूप में वे सरकार को प्रमुख आर्थिक और वित्तीय मामलों पर महत्वपूर्ण रणनीतिक सलाह देंगे, जो भारत के निर्णय-निर्माण की प्रक्रिया को और भी सशक्त बनाएगी।

आरबीआई गवर्नर के रूप में महत्वपूर्ण योगदान

शक्तिकांत दास ने 2018 से 2023 तक आरबीआई के गवर्नर के रूप में कार्य किया और कोविड-19 महामारी जैसी कठिन परिस्थितियों में भारत की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने देश की आर्थिक चुनौतियों का समाना किया और प्रभावी नीतियों से सुधार की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। 2021 में केंद्र सरकार ने उन्हें तीन साल का विस्तार दिया, और वह भारतीय रिजर्व बैंक के 25वें गवर्नर के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे थे।

केंद्र-राज्य सरकारों में बहुमूल्य अनुभव

शक्तिकांत दास, जो ओडिशा के भुवनेश्वर के निवासी हैं, तमिलनाडु कैडर के 1980 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी हैं। अपने करियर के दौरान उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। उन्होंने आर्थिक मामलों के सचिव, राजस्व सचिव और उर्वरक सचिव के रूप में देश की सेवा की, और अपने हर कार्य में उत्कृष्टता का परिचय दिया।

नया अध्याय

शक्तिकांत दास की नई जिम्मेदारी प्रधानमंत्री मोदी के साथ मिलकर भारत की आर्थिक और वित्तीय दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएगी। उनके अनुभव और विशेषज्ञता से भारत सरकार को आर्थिक निर्णयों में और अधिक मजबूती मिलेगी, जो आने वाले समय में राष्ट्र की समृद्धि के लिए अहम साबित होगा।

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