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‘संन्यासी मछली खाते हैं’, जानिए कौन हैं विवेकानंद पर विवादित टिप्पणी करने वाले अमोघ लीला दास?

इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस इस्‍कॉन के दुनिया भर में फॉलोअर्स और पुजारी हैं। कृष्‍ण भक्ति में लीन रहने वाले इस्‍कॉन पुजारी विश्‍व भर में सनातन धर्म का प्रचार करते हैं। जिसमें संत अमोघ लीला दास का नाम भी शामिल हैं लेकिन हाल ही में उन्‍होंने ऐसा विवादित बयान दिया जिसके बाद इस्कॉन ने उन पर प्रतिबंध लगा दिया है।

विवेकानंद और परमहंस को लेकर दिया था ये विवादित बयान

स्‍वामी विवेकानंद के द्वारा मछली का सेवन करने को लेकर आलोचना करते हुए अमोघ लीला दास ने कहा था कि कभी भी एक सदाचारी व्‍यक्ति किसी भी प्राणी की हानि नहीं पहुंचा सकता। इसके अलावा अमोघ ने रामकृष्‍ण परमहंस की शिक्षा जतो मत ततो पथ यानी जितनी राय, उतने रास्‍ते पर व्‍यंग किया था कि हर रास्‍ता मंजिल तक नहीं जाता।

बयान पर मांफी, गोवधवर्धन पर्वत पर एक महीने का करेंगे प्रायश्चित

अमोघ लीला प्रभु के इस बयान पर टीएमसी समेत अन्‍य लोगों ने विरोध जताया था। जिसके बाद इस्‍कॉन ने मंगलवार को एक बयान जारी किया जिसमें कहा गया कि अमोघ लीला प्रभु ने अपनी गलती को स्‍वीकार किया है और अपनी टिप्‍पणी पर क्षमा मांगी है। इसके साथ ही वह प्रायश्चित करने के लिए एक माह तक स्‍वयं को सामाजिक जीवन से दूर रखेंगे और गोवधवर्धन की पहाड़ी पर जाकर एक महीने का प्रायश्चित करेंगे।

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