सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय का निधन, कभी दुनियाभर में फैला था नाम, जानें पूरी कहानी
Subrata Roy: सहारा का जाना-माना चेहरा सुब्रत रॉय (सहारा प्रमुख) का मंगलवार(14 नवंबर) को निधन हो गया। उन्होंने मुंबई में अपनी आखिरी सांस ली। बता दें कि उनका इलाज कई दिनों से मुंबई के एक निजी अस्पताल में चल रहा था। जिसके बाद कल उन्होंने जिंदगी की अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार बुधवार(15 नवंबर) को लखनऊ में किया जाएगा। आईए जानते है उनके फर्श से अर्श तक पहुंचने की पूरी कहानी।
उतार-चढ़ाव से भरा था सफर
हालांकि सुब्रत रॉय(Subrata Roy)का सफऱ आसान न था। अपने शुरूआती दिनों में वे स्कूटर पर नमकीन और बिस्कुट बेचा करते थे। उनकी कड़ी मेहनत रंग लाई और अपनी छोटी सी फेरी से उन्होंने 20 लाख रुपये का कारोबार शुरू किया। एक समय था जब राजनीति से लेकर बॉलीवुड तक उनका दबदबा था। सुब्रत रॉय ने कड़ी मेहनत से वो मुकाम हासिल किया था जिसकी हर शख्स कल्पना करता है। बावजूद इसके उनकी जिन्दगी में भी काफी उतार-चढ़ाव आए।
स्कूटर से कुकीज़ और नमकीन बेचने की हुई शुरूआत
बिहार के अररिया जिले के रहने वाले सुब्रत रॉय का जन्म 1948 में हुआ था। उन्हें बचपन से ही पढ़ने की कोई इच्छा नहीं थी। उनकी प्रारंभिक शिक्षा कलकत्ता में हुई और फिर वे गोरखपुर आ गए। 1978 में सुब्रत रॉय ने अपने एक दोस्त के साथ स्कूटर से कुकीज़ और नमकीन बेचना शुरू किया। सुब्रत की खासियत यह थी कि वह सपने बेचने में माहिर थे। उन्होंने एक मित्र के साथ मिलकर एक चिट फंड कंपनी की स्थापना की। उन्होंने पैरा बैंकिग की शुरूआत की। इसका लक्ष्य गरीब और मध्यम वर्ग था। यहां तक कि जो लोग केवल 100 रुपए कमाते थे, उन्होंने भी इसमें 20 रुपए जमा करना शुरू कर दिया। उनकी यह स्कीम देश के सभी भागों में प्रसिद्ध हो गई। सैकड़ों-हजारों लोग सहारा में शामिल होने लगे।
पूरी दुनिया में फैल गया सहारा का नाम
1980 में सरकार ने सुब्रत रॉय की योजना पर रोक लगा दी। यही वह समय था जब सहारा ने हाउसिंग सेक्टर में प्रवेश किया। फिर उन्होंने एक के बाद दूसरे सेक्टर में अपने पैर पसारने शुरू कर दिए। रियल एस्टेट, फाइनेंस, इंफ्रास्ट्रक्चर, मीडिया , एंटरटेनमेंट, हेल्थ केयर, हॉस्पिटैलिटी, रियर एस्टेट, रिटेल, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी तक सहारा को समर्थन दिया गया। सहारा की आवाज़ पूरे देश में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में फैल गई। सहारा ने 11 साल तक टीम इंडिया को प्रायोजित किया। जैसे-जैसे सहारा का कारोबार बढ़ता गया, वैसे-वैसे सुब्रत रॉय की संपत्ति भी बढ़ती गई।
अपनी लाइफस्टाइल और लग्जरी के लिए थे मशहूर
सुब्रत रॉय अपनी जीवनशैली और विलासिता के लिए मशहूर हो गए। वह अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में 440 अरब रुपए के दो लग्जरी होटल चलाते हैं। उनका एबीवैली मुंबई में 313 एकड़ भूमि और बारसोवा मुंबई में 113 एकड़ भूमि शामिल है। सुब्रत ने लखनऊ के गोमतीनगर में 170 एकड़ भूमि पर पूरे शहर की स्थापना की। उनके पास देशभर में 764 हेक्टेयर जमीन है। कहा जाता है कि उन्होंने अपने बेटों की शादी पर 500 मिलियन से ज्यादा रुपए खर्च किए थे। इस शादी में कई मशहूर लोग शामिल हुए थे।
अर्श से फर्श पर आने की शुरूआत
टाइम्स मैगजीन ने सहारा को रेलवे के बाद दूसरी सबसे बड़ी नियोक्ता कंपनी बताई थी। सहारा में 11,000 से ज्यादा कर्मचारी थे, लेकिन यहां किस्मत ऐसी पलटी कि किसी को अंदाजा भी नहीं था कि खुद को सहारा श्री कहने वाले सुब्रत रॉय के दिन ऐसे खत्म होंगे कि उन्हें जेल की हवा खानी पड़ेगी। यह 2009 की बात है, जब सहारा कंपनी को सार्वजनिक करने की योजना बना रहा था। जब सहारा ने सेबी(SEBI) के पास आईपीओ(IPO) के लिए आवेदन किया तो सेबी को डीआरएचपी(DRHP) यानी कंपनी के बारे में संपूर्ण जानकारी मांग ली।
सहारा पर लगे कई बड़े इल्जाम
इस प्रकार सहारा के बुरे दिन की शुरूआत हुई। 2009 में, सहारा ने सेबी को दो आईपीओ का प्रस्ताव दिया। सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड। सेबी को सहारा के दस्तावेजों में खामियां मिलीं। सहरा पर निवेशकों के धन का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया था। सेबी ने दावा किया कि सहारा ने दोनों कंपनियों में 300 करोड़ निवेशकों से 24,000 करोड़ रुपए जुटाए थे, जबकि कोई भी कंपनी स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध नहीं थी। नियमों का उल्लंघन करने पर सहारा पर 12 अरब रुपए का जुर्माना लगाया गया।
15 फीसदी ब्याज के साथ पैसे लौटाने के निर्देश
जब सेबी ने सहारा से निवेशकों का ब्योरा और दस्तावेज मांगे तो सहारा ने 127 ट्रक दस्तावेज भेजे। इन ट्रकों के कारण मुंबई के बाहरी इलाके में ट्रैफिक जाम हो गया। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां सुब्रत रॉय की ओर से मशहूर वकील राम जेठमलानी पेश हुए। उन्होंने सुब्रत रॉय को बचाने की पूरी कोशिश की लेकिन बचा नहीं सके। सुब्रत रॉय पर सुप्रीम कोर्ट का रुख सख्त रहा। सहारा को निवेशकों को 24,000 करोड़ रुपए 15 फीसदी ब्याज के साथ लौटाने का निर्देश दिया गया है।
क्या मिलेगा निवेशकों का पैसा?
सुब्रत रॉय को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करने के आरोप में फरवरी 2014 में गिरफ्तार किया गया था। दो साल जेल में बिताने के बाद उन्हें पैरोल पर रिहा कर दिया गया, लेकिन इसके परिणामस्वरूप सहारा के निवेशकों को नुकसान हुआ। उनका पैसा कब मिलेगा, इस सवाल का जवाब कोई नहीं दे सकता। सहारा का दावा है कि सेबी ने उसके निवेशकों के 25,000 करोड़ रुपए अपने पास रखे हैं। अभी तक निवेशकों को भी उनका पूरा पैसा नहीं मिला है और अब सुब्रत रॉय भी इस दुनिया में ही हैं।
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