
नई दिल्ली: ऋषि पंचमी भारत के सभी संतों को सम्मानित करने के लिए समर्पित है और इसे हिंदू समुदाय में एक शुभ त्योहार माना जाता है। यह मुख्य रूप से सप्तर्षि के नाम से जाने जाने वाले सात महान सागों को समर्पित है और भाद्रपद के महीने में शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन मनाया जाता है, यानी गणेश चतुर्थी के अगले दिन मनाया जाता है।
ऋषि पंचमी का शुभ मुहुर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन ऋषि पंचमी का व्रत किया जाता है। इस बार यह तिथि 31 अगस्त की शाम 3.22 मिनट पर शुरू हुई और 1 सितंबर की दोपहर 2.49 मिनट तक रहेगी। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार 1 सितंबर के दिन ऋषि पंचमी का व्रत किया जाएगा। पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11.5 मिनट पर शुरू होगी और दोपहर 1.37 मिनट तक रहेगा।
ऋषि पंचमी पर व्रत कैसे करें
ऋषि पंचमी के दिन सूर्योदय से पहले स्नान कर लें और साफ-सुथरे हल्के पीले रंग के वस्त्र धारण करें। एक लकड़ी की चौकी पर सप्त ऋषियों की फोटो या विग्रह लगाएं और उनके सामने जल भरकर कलश रखें। सप्त ऋषि को धूप-दीपक दिखाकर पीले फल-फूल और मिठाई अर्पित करें।