Advertisement

क्या है पारिर और बारा दुर्गा पूजा? बंगाल में दोनों तरीके से होती है मां दुर्गा की अराधना

Share

बंगाल में दुर्गा पूजा को लोग काफी अलग और खास तरीके से मनाते हैं। यहां की दुर्गा पूजा विश्व प्रसिद्ध है इसलिए यहां दूर-दूर से लोग आते हैं।

durga puja
Share
Advertisement

हिंदू धर्म में कई त्योहार हैं, जिसे पूरे देशभर में बड़े ही धूमधाम और भक्तिभाव के साथ मनाया जाता है। भारत को त्योहारों का घर कहा जाता है क्योंकि एक के बाद एक त्योहार आते रहते है। त्योहारों के कारण आम दिन भी उत्सव के समान लगते हैं। लेकिन कुछ त्योहार किसी खास जगह के प्रमुख त्योहार बन जाते हैं। जैसे दिल्ली की दिवाली, केरल का ओणम और महाराष्ट्र का गणेश उत्सव प्रमुख है। वहीं, दुर्गा पूजा की बात करें तो यह बंगाल का प्रमुख त्योहार है। बंगाल में दुर्गा पूजा को लोग काफी अलग और खास तरीके से मनाते हैं। यहां की दुर्गा पूजा विश्व प्रसिद्ध है इसलिए यहां दूर-दूर से लोग आते हैं। लेकिन यहां दो तरह से दुर्गा पूजा मनाई जाती है। इसे पारा दुर्गा पूजा और बारिर दुर्गा पूजा के नाम से जाना जाता है। तो आइए जानते हैं दोनों के बारे में।

Advertisement

पारा दुर्गा पूजा

बंगाली परंपरा के अनुसार पारा दुर्गा पूजा यानी स्थानीय दुर्गा पूजा जो सामान्यत पंडालों और कम्यूनिटी हॉल में होती है। इसमें रोशनी,डिजाईन्स,थीम, स्टॉल, सजावट और भीड़ महत्व रखती है। पंडालों को खूब सुंदर ढंग से सजाया जाता है। यहां तक की मुकाबले भी किए जाते हैं।

बारिर दुर्गा पूजा

बंगाली भाषा में घर को बाड़ी या बारी कहा जाता है. बारिर दुर्गा पूजा का मतलब होता है घरों में होनी वाली दुर्गा पूजा। इस तरह के पूजा आमतौर पर धनी, संपन्न या फिर पुश्तैनी घरों के लोग ही कराते हैं। बारिर दुर्गा पूजा में घर के लोग और रिश्तेदार शामिल होते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अन्य खबरें