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नाग पंचमी आज, जानिए शुभ संयोग, पूजाविधि, महत्व और शुभ मुहूर्त

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हिंदू पंचांग के अनुसार हर एक वर्ष श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। हिंदू धर्म में नाग पंचमी के प्रमुख त्योहार है और यह पर्व सावन के महीने में मनाया जाता है।

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सनातन धर्म में नाग पंचमी को विशेष महत्व बताया गया है. कहा जाता है जो व्यक्ति नाग पंचमी के दिन नाग देवता को जल अर्पित करता है उसकी प्रत्येक मनोकामना पूरी होती है.

हिंदी पंचांग के अनुसार, 21 अगस्त मध्य रात्रि 12:21 बजे से श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की शुरुआत हो रही है और इसका समापन 22 अगस्त रात्रि 2 बजे होगा. उदया तिथि के अनुसार नाग पंचमी का व्रत 21 अगस्त 2023, दिन सोमवार को रखा जा रहा है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार नाग पंचमी पर्व के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 05:53 बजे से सुबह 08:30 बजे तक रहेगा.

नाग पंचमी का शुभ संयोग

नाग पंचमी के दिन सावन मास का सोमवार व्रत भी रखा जाएगा. जिससे शिव भक्तों को भोलेनाथ की उपासना का अवसर प्राप्त होगा. हिंदू पंचांग के अनुसार नाग पंचमी के दिन चित्रा नक्षत्र, शुभ और शुक्ल युग बन रहा है. जिसे पूजा-पाठ के लिए बेहद शुभ माना जाता है. चित्रा नक्षत्र पूरी रात रहेगा, शुभ योग रात 10:21 बजे तक रहेगा फिर शुक्ल योग आरंभ होगा.

नाग पंचमी 2023 पूजा विधि

नाग पंचमी तिथि पर सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं.

इसके बाद हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प लें

अब पूजा के दौरान एक चौकी पर नाग देवता की तस्वीर या मिट्टी से बने नाग देवता की प्रतिमा स्थापित करें.

इसके बाद नाग देवता को रोली, चावल, हल्दी, फूल आदि चढ़ाएं. इसके बाद दूध घी और शक्कर मिलाकर अर्पित करें.

अंत में नाग पंचमी व्रत की कथा को सुनें और आरती करके पूजा पूर्ण करें.

नाग पंचमी का महत्व

नाग पंचमी के दिन नाग देवता की विशेष रूप से पूजा करने का महत्व होता है। सांपों से अपने परिवार की रक्षा करने के लिए नाग पंचमी पर्व का नागों की पूजा की जाती है। इसके अलावा जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष होता है उन्हें नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने पर इस दोष से छुटकारा मिलता है।

नाग पंचमी पर सभी प्रमुख नाग मंदिरों में भारी भीड़ होती है। उज्जैन का नागचंद्रेश्वर मंदिर वर्ष सिर्फ एक बार नाग पंचमी के दिन ही खुलता है। ऐसी मान्यता है कि यहां पर नागदेवता की पूजा और दर्शन करने से कालसर्प खत्म हो जाता है।

नाग पंचमी पर उपाय

जिन लोगों की कुंडली में अगर कालसर्प दोष होता है तो उन्हें नाग पंचमी के दिन भगवान शिव की पूजा करें और शिव तांडव स्त्रोत का पाठ करें।

नाग पंचमी के दिन चांदाी से बने नाग-नागिन की पूजा करे और इसके बाद इसे बहते हुए जल में अर्पित कर दें।

कालसर्प दोषों से मुक्ति के लिए रुद्राभिषेक करना चाहिए। इससे कुंडली में मौजूद सभी दोष खत्म हो जाते हैं।

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