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शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या को कैसे करें दूर? जानें उपाय

शनि की साढ़ेसाती
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शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या का कैसे करें दूर? न्याय के देवता माने जाने वाले शनिदेव की साढ़ेसाती या ढैय्या काफी खतरनाक मानी जाती है। अगर शनिदेव अच्छे कर्म करने वाले को शुभफल प्रदान करते हैं तो वहीं बुरे कर्म करने वाले को वह दंड भी देते हैं। जिससे अच्छे-अच्छों की हालत खराब हो जाती है। यदि आपकी राशि पर भी शनि की साढ़ेसाती या शनि की ढैय्या का प्रभाव है तो शनिवार के दिन किए जाने वाले उपायों से साढ़ेसाती या शनिदोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है।

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शनि की साढ़ेसाती का ऐसे करें उपाय

1. सुबह जल्दी उठकर स्नान कर एक कटोरी में तेल लेकर उसमें अपना चेहरा देखें। उसके बाद उस तेल को किसी जरुरतमंद को दें। इस प्रक्रिया से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और इससे भाग्य संबंधी बाधाएं भी दूर होती है।

2. स्नान के बाद पीपल को जल अर्पित करें। सूर्यास्त के बाद सुनसान स्थान पर लगे पीपल के पास दीपक प्रज्वलित करें। यदि ऐसा संभव न हो तो किसी मंदिर में लगे पीपल के पास भी दीपक प्रज्वलित किया जा सकता है।

3. शनि से संबंधित बाधाओं से मुक्ति पाने के लिए काले घोड़े की नाल या नाव की कील से अंगूठी बनाकर अपनी मध्यमा उंगली में शनिवार के दिन सूर्यास्त के समय धारण करें।

4. अपने सामर्थ्य के अनुसार काले तिल, काला कपड़ा, कंबल, लोहे के बर्तन, उदड़ की दाल का दान करें।

5. शनिदेव की पूजा कर उन्हें नीले पुष्प अर्पित करें। इसके साथ ही शनि मंत्र- ऊँ शं शनैश्चराय नमः का रुद्राक्ष की माला में जप करें। मंत्र की जप संख्या 108 होनी चाहिए। ऐसा हर शनिवार करने से साढ़ेसाती से मुक्ति मिलती है।

6. प्रत्येक शनिवार को काले तिल, आटा, शक्कर लेकर इन तीनों चीजों को मिला लें। उसके बाद ये मिश्रण चींटियों को खाने के लिए डाल दें।

7. शनिदोष से मुक्ति हेतु शनिदेव के इन दस नामों (कोणस्थ, पिंगल, बभ्रु, कृष्ण, रौद्रान्तक, यम, सौरि, शनैश्चर, मंद, पिप्पलाश्र) का जाप करें। इससे व्यक्ति को कार्यों में सफलता भी मिलती है। शनिदेव के नामों का कम से कम 108 बार जप करें।


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