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Ram Navami 2022: राम नवमी पर हवन का है बड़ा महत्व, यह विधि माना जाता है उत्तम

राम नवमी
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चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हर साल राम नवमी का पावन पर्व मनाया जाता है । धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान श्री राम का जन्म हुआ था। इस साल 10 अप्रैल 2022 को राम नवमी है। इस दिन भगवान राम की विशेष पूजा- अर्चना की जाती है। यह नवरात्रि का अंतिम दिन भी होता है। इस दिन कन्या पूजन और हवन का भी विशेष महत्व होता है।

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नवरात्रि का समापन नवमी के दिन ही होता है। कुछ लोग नवमी पर नवरात्रि के व्रत का पारण करते हैं तो वहीं कुछ लोग नवमी पर भी व्रत रखते हैं।

राम नवमी पूजा का मुहूर्त

राम नवमी पर भगवान श्री राम को प्रसन्न करने के लिए हवन किया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, हवन करने से सकारात्मकता बनी रहती है और नकारात्मक ऊर्जा का विनाश होता है। हवन करने से घर में शुद्धि बनी रहती है।

राम नवमी की डेट- 10 अप्रैल 2022, रविवार
नवमी तिथि प्रारंभ समय- 10 अप्रैल को सुबह 01:32 से 
नवमी तिथि समापन समय- 11 अप्रैल को सुबह 03:15 तक
पूजा के लिए शुभ मुहूर्त- 10 अप्रैल को सुबह 11:10 से 01:32 तक

हवन के लिए सामग्री

हवन सामग्री- आम की लकड़ी आम के पत्ते, पीपल का तना, छाल, बेल, नीम, गूलर की छाल, चंदन की लकड़ूी, अश्वगंधा, मुलैठी की जड़। कपूर, तिल, चावल, लौंग, गाय की घी, इलायची, शक्कर, नवग्रह की लकड़ी, पंचमेवा, जटाधारी नारियल, गोला, जौ।

राम नवमी की पूजा विधि

  1. रामनवमी के आप सुबह-सुबह उठकर नित्य क्रिया से निवृत्त होकर साफ वस्त्र धारण कर लें।
  2. अब पूजा स्थल को साफ करके भगवान श्री राम, माता सीता, लक्ष्मण की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें।
  3. अब उस तस्वीर पर कुमकुम, सिंदूर, रोली, चंदन आदि जैसे चीज लगाकर प्रभु का स्मरण करें।
  4. अब चावल और तुलसी तस्वीर पर अर्पित करें। आपको बता दें भगवान श्री राम विष्णु के ही अवतार हैं। इसलिए उनकी पूजा में तुलसी चढ़ाना अनिवार्य है।
  5. रामनवमी के दिन भगवान श्रीराम को तुलसी अर्पित करने से उनकी असीम कृपा जल्द प्राप्त हो जाती हैं।
  6. भगवान की पूजा करने के बाद सभी देवी-देवताओं को फूल, फल और मिठाई भोग लगाएं।
  7. अब घी का दीपक, धूपबत्ती जलाकर राम चरित्र मानस का पाठ या राम रक्षा मंत्र पढ़ें।

जब पूजा समाप्त हो जाए, तो भगवान श्री राम, लक्ष्मण और माता सीता की आरती भक्ति पूर्वक करें। आरती समापन के बाद खुद और आसपास के लोगों पर भगवान पर चढ़ाया हुआ प्रसाद वितरण करें।

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