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भगवान श्रीकृष्ण के इन 108 नामों के जाप से मिलेगा शुभ लाभ, जानें कौन से हैं वो नाम

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भगवान श्रीकृष्ण को 16 कलाओं में परिपूर्ण माना जाता है इसलिए उनके किसी भी नाम, जप धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष चारों पुरुषार्थों की प्राप्ति को सुगम कर देता है इसके साथ ही अगर आप भगवान श्रीकृष्ण के इन 108 नामों का जाप करते हैं तो आपकी सभी सांसारिक मनोकामनाओं की इच्छा पूरी होती है और अंत के समय में आपको मुक्ति भी मिलती है। कहा जाता है कि संतानहीन दंपत्ति अगर इन 108 नामों का जाप करे तो उसे जीवन में विशेष फल की प्राप्ति होती है।

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श्रीकृष्ण के 108 नाम

1. अचला : पृथ्वी या पृथ्वी की तरह स्थिर भगवान.

2. अच्युत : अटल, अविनाशी प्रभु.

3. अद्भुतह : अद्भुत.

4. आदिदेव : जो सबसे पूर्व के हैं.

5. अदित्या : अदिति के पुत्र.

6. अजन्मा : जो अजन्मे हैं.

7. अजया : जिन्हें कोई जीत नहीं सकता.

8. अक्षरा : शब्द या सरस्वती रूप.

9. अमृत : अमृत स्वरूप वाले.

10. अनादिह : सर्वप्रथम हैं जो.

11. आनंद सागर : आनंद बरसाने वाले.

12. अनंता : जिनका अंत नहीं.

13. अनंतजीत : जिनकी विजयों का अंत नहीं.

14. अनया : जिनका कोई स्वामी न हो.

15. अनिरुद्धा : जिनको निरुद्ध नहीं किया जा सके.

16. अपराजित : जिन्हें पराजित नहीं किया जा सके.

17. अव्युक्ता : माणभ की तरह स्पष्ट.

18. बाल गोपाल : बच्चों की तरह प्यारे.

19. बलि : सर्वशक्तिमान.

20. चतुर्भुज : चार भुजाओं वाले.

21. दानवेंद्रो : वरदान देने वाले.

22. दयालु : दया करने वाले.

23. दयानिधि : दया के भंडारे.

24. देवाधिदेव : देवों के देव.

25. देवकीनंदन : देवकी के पुत्र.

26. देवेश : देवों के भी भी ईश्वर.

27. धर्माध्यक्ष : धर्म के स्वामी.

28. द्वारकाधीश : द्वारका के राजा.

29. गोपाल : गायों के पालक.

30. गोपालप्रिया : ग्वालों के प्रिय.

31. गोविंदा : गाय, प्रकृति, भूमि को चाहने वाले.

32. ज्ञानेश्वर : ज्ञान के ईश्वर.

33. हरि : प्रकृति के देवता.

34. हिरण्यगर्भा : शक्तिशाली प्रजापति.

35. ऋषिकेश : सभी इन्द्रियों के दाता.

36. जगद्गुरु : सृष्टि के गुरु.

37. जगदीशा : जगत के ईश्वर.

38. जगन्नाथ : जगत के नाथ.

39. जनार्धना : सभी को वरदान देने वाले.

40. जयंतह : सभी शत्रुओं को मात देने वाले.

41. ज्योतिरादित्या : सूर्य सी चमक वाले.

42. कमलनाथ : देवी लक्ष्मी के प्रभु.

43. कमलनयन : कमल के समान नेत्र वाले.

44. कामसांतक : काम व कंस का वध करने वाले.

45. कंजलोचन : जिनके कमल के समान नेत्र हैं.

46. केशव : लंबे व सुंदर बाल वाले.

47. कृष्ण : सांवले- सलोने.

48. लक्ष्मीकांत : देवी लक्ष्मी के देवता.

49. लोकाध्यक्ष : तीनों लोक के स्वामी.

50. मदन : कामदेव से सुंदर.

51. माधव : ज्ञान के भंडार.

52. मधुसूदन : मधु-दानवों का वध करने वाले.

53. महेन्द्र : इन्द्र के स्वामी.

54. मनमोहन : मन मोह लेने वाले

55. मनोहर : मन को हरने वाले.

56. मयूर : मुकुट पर मोरपंख धारण करने वाले.

57. मोहन : मोहने वाले.

58. मुरली : बांसुरी बजाने वाले.

59. मुरलीधर : मुरली धारण करने वाले.

60. मुरली मनोहर : मुरली से मोहने वाले.

61. नंदगोपाल : नंद बाबा के पुत्र.

62. नारायन : सबको शरण में लेने वाले.

63. निरंजन : दुर्गण व दोष रहित.

64. निर्गुण : जो अव्यक्त है.

65. पद्महस्ता : जिनके कमल की तरह हाथ हैं.

66. पद्मनाभ : जिनकी कमल के समान नाभि है.

67. परब्रह्मन : परम सत्य.

68. परमात्मा : सभी प्राणियों की आत्मा.

69. परम पुरुष : श्रेष्ठ पुरुष.

70. पार्थसारथी : अर्जुन के सारथी.

71. प्रजापति : सभी प्राणियों के नाथ.

72. पुण्य : निर्मल व्यक्तित्व.

73. पुरुषोत्तम : पुरुषों में उत्तम.

74. रविलोचन : सूर्य जिनका नेत्र है.

75. सहस्राकाश : हजार आंख वाले प्रभु.

76. सहस्रजीत : हजारों को जीतने वाले.

77. सहस्रपात : जिनके हजारों पैर हों.

78. साक्षी : सभी के गवाह.

79. सनातन : जिनका आदि व अंत न हो.

80. सर्वजन : सब कुछ जानने वाले.

81. सर्वपालक : सभी का पालन करने वाले.

82. सर्वेश्वर : समस्त देवों में ऊंचे.

83. सत्य वचन : सत्य कहने वाले.

84. सत्यव्त : श्रेष्ठ व्यक्तित्व वाले देव.

85. शंतह : शांत भाव वाले.

86. श्रेष्ठ : महान.

87. श्रीकांत : अद्भुत सौंदर्य के स्वामी.

88. श्याम : श्याम यानी सांवले रंग वाले.

89. श्यामसुंदर : श्याम रंग में सुंदर दिखने वाले.

90. सुदर्शन : दिखने में अच्छे लगने वाले.

91. सुमेध : सर्वोत्तम बुद्धि व ज्ञान वाले.

92. सुरेशम : सभी जीव-जंतुओं के देव.

93. स्वर्गपति : स्वर्ग के राजा.

94. त्रिविक्रमा : तीनों लोकों के विजेता.

95. उपेन्द्र : इन्द्र के भाई.

96. वैकुंठनाथ : स्वर्ग के पति।

97. वर्धमानह : जिनका कोई आकार न हो.

98. वासुदेव : वासुदेव के पुत्र या समस्त पृथ्वी के देव.

99. विष्णु : भगवान विष्णु के स्वरूप.

100. विश्वदक्शिनह : निपुण और कुशल.

101. विश्वकर्मा : सृष्टि का निर्माता.

102. विश्वमूर्ति : समस्त ब्रह्मांड का रूप.

103. विश्वरूपा : विश्व का एक रूप.

104. विश्वात्मा : ब्रह्मांड की आत्मा.

105. वृषपर्व : धर्म के भगवान.

106. यदवेंद्रा : यादव वंश के प्रमुख.

107. योगि : योगियों के योगी.

108. योगिनाम्पति : योगियों के पति.

 

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