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नैमिषारण्य  के पास होता है अनोखा चमत्कार जहां विज्ञान भी हो जाता है फेल, जानिए कौन सी है ये जगह?

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सीतापुर के नैमिषारण्य के समीप गोमती नदी के तट पर अरवापुर गांव में स्थित रुद्रेश्वर महादेव जहां एक कुंड में आज भी स्थित है एक जीवित शिवलिंग, पौराणिक परंपराओं के मुताबिक गोमती नदी के किनारे बने एक कुंड के अंदर स्थित शिवलिंग को बाबा रुद्रेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है। वहीं कुंड के बाहर कुछ ही दूर पर एक शिवलिंग भी स्थापित है। मान्यता इस वजह से और बढ़ जाती है एक कि यहां पर एक निश्चित स्थान पर ही बेलपत्र जल के अंदर जाती है और इसके लिए भक्तों को ओम नमः शिवाय जप करना होता है।

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शिव जी दिखाते हैं चमत्कार

केवल बेलपत्र ही नहीं गाय का दूध भी कुंड के जल में अंदर तक एक ही धार के साथ जाते हुए देखा जाता है हैरान कर देने वाली तस्वीर तब दिखाई देती है जब भगवान शिव को अर्पित किए गए फलों को जल में डालने  पर चंद क्षणों में प्रसाद के रूप में उसमें से एक या दो फल वापस जल के ऊपर आकर तैरने लगते हैं जिसको श्रद्धालु बाबा के प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं। बाबा रूद्रवतृ तीर्थ कुण्ड भी गंगा की संगिनी नदी गोमती किनारे स्थित है।

सामान्य तौर पर अगर किसी जगह बहते हुए पानी मैं बेलपत्र या कोई भी पत्ती डालें तो वह पानी धारा के साथ बह जाता है। यही अगर दूध चढ़ाया जाए तो वह भी धारा के साथ बह जाता है किंतु यहां ऐसा नहीं होता है बेलपत्र और दूध की धारा सीधे पानी के अंदर तक तो जाती है जो अपने आप में एक आश्चर्यचकित करता है । ठीक इसके विपरीत अगर नदी के दूसरे छोर पर यही क्रिया की जाए तो बेलपत्र पानी की धारा में बह जाती है और दूध भी धारा के साथ ही बजाता है किंतु विशेष स्थान पर रूद्र कुंड में प्रकृति के विपरीत लीला को देखकर साइंस भी फेल है इस अद्भुत चमत्कार को देखने के लिए यहां लोगों का तांता लगा रहता है।

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