कैबिनेट बैठक में टेलिकॉम सेक्टर के लिए राहत पैकेज मंजूर, अश्विनी वैष्णव ने कहा- स्पेक्ट्रम शेयरिंग पूरी तरह फ्री

नई दिल्ली: बुधवार को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में टेलिकॉम सेक्टर के लिए राहत पैकेज मंजूर कर लिया है। केंद्र सरकार ने नॉन टेलिकॉम कारोबार को AGR के दायरे से बाहर कर दिया है। इसके साथ ही टेलिकॉम सेक्टर के ब्याज दरों में राहत दी गई है और जबकि पेनाल्टी को खत्म कर दिया गया है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘दूरसंचार क्षेत्र के लिए पीएम मोदी का बहुत स्पष्ट दृष्टिकोण है कि दूरसंचार सेवाएं दूर-दराज के क्षेत्रों में भी अंतिम छोर तक पहुंचें। इसलिए एक मजबूत टेलीकॉम सेक्टर का होना बहुत जरूरी है जहां कंपनियों की बैलेंस शीट, उनका कैश-फ्लो सुरक्षित रहे। इसलिए, सुधारों की एक गहरी और व्यापक श्रृंखला लाई गई है। उद्योग को बहुत लंबे समय से इसकी बहुत आवश्यकता थी।
आगे उन्होंने बताया कि ‘समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) को लेकर वर्षों से मुकदमा चल रहा था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ट्राई की सिफारिश को संदर्भ के रूप में लेते हुए, हम इस मुद्दे के मूल कारण का हल कर रहे हैं। हम एजीआर की परिभाषा को युक्तिसंगत बना रहे हैं। इसके अलावा जुर्माने, जुर्माने पर ब्याज, जुर्माने की दर, बैंक गारंटी जैसे मुद्दों को मंजूरी दी गई।
टेलिकॉंम इंडस्ट्री को 4जी से 5जी की ओर जाना है। इसके लिए शुरू होने वाले पूंजीगत व्यय और निवेश के चक्र को ध्यान में रखते हुए एक अधिस्थगन अवधि की अनुमति दी गई है। 10 साल के लॉक इन के बाद सरेंडर चार्ज देकर स्पेक्ट्रम वापस कर सकते हैं। स्पेक्ट्रम शेयर करने पर SUC में 0.5 फीसदी अधिक चार्ज लगता था, इसे लेकर एक शंका यह थी कि यह चार्ज पूरे स्पेक्ट्रम पर लगेगा या सिर्फ शेयर किए जाने वाले स्पेक्ट्रम पर लगेगा। इसलिए बताया जा रहा है कि अब स्पेक्ट्रम शेयरिंग पूरी तरह फ्री कर दिया गया है’।