
जल विद्युत परियोजनाओं के विरोध को लेकर प्रदेश के ऊर्जा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने बड़ा बयान दिया है। ऊर्जा सचिव ने कहा है कि राज्य में जल विद्युत परियोजनाओं का विरोध इसी तरह जारी रहा तो आने वाले समय में प्रदेशवासियों को बिजली उपलब्ध कराना संभव नहीं होगा।
राज्य की कई जल विद्युत परियोजनाएं पर्यावरण संबंधी बाध्यताओं के कारण लटकी पड़ी हैं। वहीं जोशीमठ आपदा के बाद एनटीपीसी की 520 मेगावॉट की तपोवन विष्णगाड़ परियोजना पर भी काम रुका हुआ है। परियोजना के विरोध ने राज्य में जल विद्युत परियोजनाओं के भविष्य पर गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है।
ऐसे में एनटीपीसी की परियोजना के विरोध पर ऊर्जा सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने बड़ा बयान दिया है। ऊर्जा सचिव ने कहा है कि बिजली परियोजनाओं का इसी तरह विरोध जारी रहा तो आने वाले समय में प्रदेशवासियों की बिजली जरूरत पूरी नहीं की जा सकेगी। ऊर्जा सचिव ने बताया कि राज्य की लंबित जलविद्युत परियोजनाओं को लेकर पीएमओ स्तर पर बैठक प्रस्तावित थी। लेकिन जोशीमठ त्रासदी के बाद बने हालात को देखते हुए पीएमओ ने बैठक कैंसिल कर दी है।
ऊर्जा सचिव का कहना है कि भागीरथी ईको सेंसिटिव जोन के कारण भागीरथी नदी पर प्रस्तावित परियोजनाएं खटाई में पड़ी हैं। वहीं अलकनंदा पर बन रही परियोजनाओं पर भी रोक लगी हुई है। और अब एनटीपीसी की परियोजना का विरोध राज्य की बिजली जरूरतें पूरी करने में बड़ी रुकावट बन सकता है। ऊर्जा सचिव ने अपील करते हुए कहा है कि प्रदेशवासी हर आपदा के लिए जल विद्युत परियोजनाओं पर सवाल खड़े करना बंद करें वरना आने वाले समय में प्रदेश को गंभीर बिजली संकट का सामना करना पड़ेगा।
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