Putin Invites PM Modi: विदेश मंत्री एस जयशंकर से मिलकर क्या-कुछ बोले रूसी राष्ट्रपति?
Putin Invites PM Modi: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अगले साल रूस की यात्रा के लिए आमंत्रित किया. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूस के राष्ट्रपति भवन ‘क्रेमलिन’ में पुतिन से मुलाकात की. पुतिन ने जयशंकर से कहा, ‘‘हमें अपने मित्र प्रधानमंत्री मोदी को रूस में देखकर खुशी होगी.’’ रूस की पांच दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर आए जयशंकर ने इससे पहले अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से मुलाकात की. लावरोव के साथ अपनी बातचीत के बाद संयुक्त रूप से संवाददाता सम्मेलन में जयशंकर ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन अगले साल वार्षिक शिखर सम्मेलन में मिलेंगे.
इससे पहले अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में जयशंकर ने कहा कि दोनों नेता लगातार संपर्क में रहे हैं. भारत के प्रधानमंत्री और रूसी राष्ट्रपति के बीच शिखर सम्मेलन दोनों पक्षों के बीच रणनीतिक साझेदारी में सर्वोच्च संस्थागत संवाद तंत्र है. अब तक भारत और रूस में बारी-बारी से 21 वार्षिक शिखर सम्मेलन हो चुके हैं. पिछला शिखर सम्मेलन दिसंबर 2021 में नयी दिल्ली में हुआ था.
Putin Invites PM Modi: ‘रूस-भारत व्यापार बढ़ा’
पुतिन ने यह भी कहा कि रूस और भारत के बीच व्यापार बढ़ रहा है, खासकर कच्चे तेल और उच्च प्रौद्योगिकी क्षेत्रों के कारण. उन्होंने कहा, ‘‘हमारा व्यापार लगातार दूसरे साल स्थिर गति से बढ़ रहा है. इस साल विकास दर पिछले साल से भी अधिक है.’’ इससे पहले रूसी विदेश मंत्री ने भारत के साथ मिलकर हथियारों के संयुक्त उत्पादन सहित सैन्य-तकनीकी सहयोग के दृष्टिकोण पर एस जयशंकर के साथ चर्चा की. लावरोव ने कहा, ‘इस मामले में ठोस प्रगति हुई है.’ उन्होंने कहा कि रूस नयी दिल्ली की पहल को समझता है और उसका समर्थन करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा, ‘मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत सैन्य-उद्देश्यों में इस्तेमाल होने वाले सामान का उत्पादन किया जाना है. हम इस संबंध में सहयोग करने के लिए तैयार हैं.”
भारत-रूस दोस्ती कायम रहेगी: विशेषज्ञ
दक्षिण एशियाई मामलों के अमेरिकी विशेषज्ञ माइकल कुगलमैन ने कहा, ‘पीएम मोदी ने एक बार कहा था कि अगर आप भारत के एक बच्चे से भी पूछेंगे कि भारत का सबसे अच्छा दोस्त कौन है तो वे हमेशा कहेंगे कि यह रूस है।’ कुगलमैन ने कहा कि भारत और रूस के बीच दोस्ती समय की कसौटी पर परखी गई है। यह विश्व व्यवस्था के झटकों को झेलने में भी सक्षम है। उन्होंने कहा कि भारत ने इस दौरे से संदेश दिया है कि रूस के साथ उसकी दोस्ती सतत बनी हुई है और यह आगे भी जारी रहेगी।
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