Punjab

पंजाब में बड़ी आतंकवादी साज़िश नाकाम; बी के आई मॉड्यूल के तीन सदस्य गिरफ्तार

Punjab : मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के दिशा-निर्देशों के तहत पंजाब को सुरक्षित राज्य बनाने के लिए चल रही विशेष मुहिम के दौरान, पंजाब पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए एक आतंकवादी साजिश को नाकाम कर दिया है। पुलिस ने आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा के निर्देशों पर यूके आधारित निशान सिंह द्वारा संचालित, पाकिस्तान-आई एस आई समर्थित बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बी के आई) के तीन गुर्गों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक नाबालिग भी शामिल है। यह जानकारी आज पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डी जी पी) गौरव यादव ने दी।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सहजपाल सिंह, विक्रमजीत सिंह (दोनों निवासी रामदास, अमृतसर) और एक 17 वर्षीय नाबालिग के रूप में हुई है। यह कार्रवाई स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल (एस एस ओ सी ) मोहाली द्वारा गुप्त सूचना के आधार पर की गई है। डी जी पी गौरव यादव ने बताया कि कार्रवाई के दौरान आरोपियों के कब्जे से दो हैंड ग्रेनेड, एक आधुनिक 9एम एम ग्लॉक पिस्तौल और तीन जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं।

उन्होंने बताया कि यह गिरोह अमृतसर क्षेत्र में पुलिस संस्थानों पर हमले और टारगेट किलिंग की घटनाओं को अंजाम देने की साजिश रच रहा था। इस गिरफ्तारी से एक बड़ी आतंकवादी साजिश को समय रहते नाकाम कर दिया गया है, जिससे अनगिनत मासूम जानें बचाई जा सकी हैं।

डी जी पी ने बताया कि मामले की गहराई से जांच जारी है और आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां व बरामदगी की संभावना है। ए आई जी, एस एस ओ सी एसएएस नगर रवजोत ग्रेवाल ने बताया कि पूछताछ के दौरान गिरफ्तार आरोपी सहजपाल सिंह ने खुलासा किया कि वह अमृतसर के गांव पैरेवाल के रहने वाले लवप्रीत सिंह उर्फ लव (जो फिलहाल फिरोजपुर जेल में बंद है) के निर्देशों पर काम कर रहा था।

उन्होंने बताया कि सहजपाल के खुलासे के बाद पुलिस टीमों ने लवप्रीत सिंह को प्रोडक्शन वारंट पर एस एस ओ सी, एसएएस नगर में लाकर पूछताछ की। पूछताछ में सामने आया कि लवप्रीत ने सहजपाल को हथियार और विस्फोटक सामग्री हासिल करने के निर्देश दिए थे और सहजपाल ने इस कार्य में अपने साथी विक्रमजीत सिंह को भी शामिल किया था।

उल्लेखनीय है कि लवप्रीत सिंह एक कुख्यात अपराधी है, जिसके खिलाफ गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और हत्या के प्रयास सहित कई गंभीर मामले दर्ज हैं। वह गिरोह के सदस्यों को लामबंद करने और निर्देश देने में प्रमुख भूमिका निभा रहा था।

ए आई जी ने बताया कि बरामद हैंड ग्रेनेड का इस्तेमाल टारगेट किलिंग और विस्फोटक हमलों के लिए किया जाना था और विस्फोट करने की जगह और समय बाद में विदेश स्थित संचालकों द्वारा बताया जाना था। बरामद ग्लॉक पिस्तौल का इस्तेमाल विरोधी गिरोह के सदस्यों की टारगेट किलिंग में किया जाना था।

इस संबंध में एफ आई आर नंबर 09, दिनांक 22-04-2025, थाना एस एस ओ सी , एसएएस नगर में आर्म्स एक्ट की धारा 25(1)(बी), 25(7) और विस्फोटक अधिनियम की धारा 3, 4 और 5 के तहत दर्ज की गई है।

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