
Punjab Government : राज्य में तीसरे दर्जे की देखभाल सेवाओं को मजबूत करने की दिशा एक अग्रणी कदम उठाते हुये पंजाब सरकार ने आज क्रिश्चियन मैडीकल कालेज (सीएमसी), लुधियाना के साथ पंजाब की पहली बोन मैरो ट्रांसप्लांट (बीऐमटी) सुविधा स्थापित करने के लिए एक समझौता पत्र (ऐमओयू) पर हस्ताक्षर किये.
इस पहल का मकसद थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों के लिए एक जीवन-रक्षक पहल शुरू करना एवं एक स्थायी ईलाज ढूँढना है.
इस समझौते पर हस्ताक्षर किये गए
स्वास्थ्य मंत्री डा. बलबीर सिंह की मौजूदगी में इस समझौते पर हस्ताक्षर किये गए, जिन्होंने इस पहलकदमी की सहयोगी भावना के लिए सराहना की और उन्नत स्वास्थ्य देखभाल को सभी के लिए सुलभ और किफ़ायती बनाने के लिए सरकार की वचनबद्धता की पुष्टि की.
जीवन भर ख़ून चढ़ाने की जरूरत नहीं
इस प्रोग्राम के अंतर्गत मरीजों, ख़ास कर 12 साल से कम उम्र के बच्चों, को मुफ़्त एचएलए टाइपिंग और सब्सिडी वाला ऐलोजेनिक स्टेम सैल (बोन मैरो) ट्रांसप्लांटेशन की सुविधा दी जायेगी, जोकि मौजूदा समय थैलेसीमिया का एकमात्र इलाज है. एक बार सफलतापूर्वक इलाज करने के बाद इन बच्चों को अब जीवन भर ख़ून चढ़ाने की जरूरत नहीं है.
मरीजों की पहुँच में इलाज लाने का उद्देश्य
इस समय पंजाब के किसी भी सरकारी मैडीकल कालेज में कोई कार्यशील बीऐमटी सुविधा नहीं है, जिस कारण मरीजों, ख़ास कर थैलेसीमिया, ब्लड कैंसर और अन्य हीमैटोलोजिक विकारों वाले मरीज़ों, को राज्य से बाहर महँगा इलाज करवाने के लिए मजबूर होना पड़ता है. बीएमटी के लिए सीएमसी लुधियाना, जो एक विशेषज्ञता वाली अग्रणी संस्था है, के साथ यह सांझेदारी आर्थिक तौर पर कमज़ोर मरीजों की पहुँच में इलाज लाने का उद्देश्य है.
घर के नजदीक महत्वपूर्ण इलाज प्रदान करेगा
बीएमटी सैंटर ग्रामीण और कम सेवा वाले जिलों के मरीजों के घर के नजदीक महत्वपूर्ण इलाज प्रदान करेगा. राज्य प्रणाली की आंतरिक फॉलो-अप देखभाल की स्थानीय उपलब्धता, बेहतर निगरानी और नतीजों को यकीनी बनाऐगी. इसके इलावा यह केंद्र एक प्रशिक्षण और हुनर विकास केंद्र के तौर पर भी काम करेगा, जिससे पंजाब में ट्रांसप्लांट ईकोसिस्टम को मजबूत करने और स्थानीय पहुँच के साथ उपचार बढ़ाने और ड्रोपआउट की कमी आने की उम्मीद है.
सैंकड़ों परिवारों को नयी उम्मीद
स्वास्थ्य मंत्री ने इस मौके पर कहा कि यह पंजाब में समान स्वास्थ्य देखभाल की तरफ एक ऐतिहासिक कदम है. इस सांझेदारी के द्वारा हम सिर्फ़ एक सुविधा स्थापित नहीं कर रहे हैं, बल्कि जानलेवा बीमारियों के साथ जूझ रहे सैंकड़ों परिवारों को नयी उम्मीद दे रहे हैं.
मरीजों की देखभाल को यकीनी बनाया जा सके
यह सुविधा के नजदीकी भविष्य में कार्यशील होने की उम्मीद है, जिसमें स्वास्थ्य विभाग, सीएमसी लुधियाना और अन्य भाईवालों के दरमियान मज़बूत तालमेल होगा जिससे पारदर्शी, ज़रूरत-आधारित मरीजों की देखभाल को यकीनी बनाया जा सके.
इस मौके पर अन्यों के इलावा प्रमुख सचिव स्वास्थ्य कुमार राहुल, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के डायरैक्टर डा. हतिन्दर कौर, डा. बलविन्दर सिंह, डायरैक्टर नेशनल हैल्थ मिशन, पंजाब, डा. एलन जोसफ मैडीकल सुपरिटेंडेंट, सीएमसी, लुधियाना, डा. एम. जोसफ जॉन, एसोसिएट डायरैक्टर, प्रोफ़ैसर और प्रमुख क्लिनीकल हीमेटोलोजी, हीमेटो-ऑनकोलोजी और बोन मैरो (स्टेम सैल) ट्रांसप्लांटेशन सीएमसी लुधियाना, डा. विशाल गर्ग, अतिरिक्त प्रोजैक्ट डायरैक्टर, पीऐसएसीऐस, डा. सुनीता देवी, संयुक्त डायरैक्टर, बीटीऐस, पीऐसएसीऐस, डा. रिशव अग्रवाल डिप्टी डायरैक्टर एसटीआइ, पीएसएसीएस शामिल थे.
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