
Punjab : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज टिल्ला बाबा शेख़ फ़रीद पर माथा टेका और लोगों से इस सम्माननीय सूफ़ी संत के पदचिह्नों पर चलने की अपील की। बाबा शेख़ फ़रीद को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने उन्हें एक महान आध्यात्मिक नेता, कवि-प्रवक्ता तथा भारत में सूफ़ी परंपरा के प्रवर्तक के रूप में वर्णित किया।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि बाबा फ़रीद जी को पंजाबी कविता का जनक माना जाता है, और उनका प्रेम, करुणा, समानता, विनम्रता, भाईचारा तथा स्वतंत्रता पर आधारित दर्शन कालजयी एवं सार्वभौमिक रूप से प्रासंगिक है। उन्होंने बताया कि बाबा शेख़ फ़रीद की बाणी, जिसमें 112 श्लोक और चार शबद शामिल हैं, श्री गुरु अर्जन देव जी द्वारा श्री गुरु ग्रंथ साहिब में संकलित की गई थी।
भौतिकवादी समाज में विशेष रूप से प्रासंगिक
सीएम भगवंत सिंह मान ने कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब एक सार्वभौमिक ग्रंथ है, जो सभी धर्मों का प्रतिनिधित्व करता है और यह ज्ञान का एक विशाल भंडार है, जो संपूर्ण मानवता के लिए मार्गदर्शक के रूप में कार्य करता है। उन्होंने कहा कि जब हम श्री गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष श्रद्धा से शीश नवाते हैं, तो हम महान गुरुओं के साथ-साथ बाबा फ़रीद जी के प्रति भी अपना सम्मान प्रकट करते हैं।
उन्होंने कहा कि बाबा फ़रीद जी का जीवन और उनकी शिक्षाएँ आज के भौतिकवादी समाज में विशेष रूप से प्रासंगिक हैं। बाबा फ़रीद की शिक्षाएँ आने वाली पीढ़ियों को समर्पण और विनम्रता के साथ मानवता की सेवा के लिए प्रेरित करती रहेंगी।
लोगों से बाबा फ़रीद जी द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने की अपील करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि ऐसा करने से पंजाब को देश का नंबर एक राज्य बनाने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि वह स्वयं को सौभाग्यशाली मानते हैं कि उन्हें बाबा फ़रीद जी के चरण-स्पर्श से पावन इस स्थान पर श्रद्धांजलि अर्पित करने का अवसर प्राप्त हुआ।
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