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Punjab News : ऊर्जा संरक्षण में पंजाब की बड़ी उपलब्धि, राष्ट्रीय पुरस्कार–2025 में देशभर में दूसरा स्थान

Punjab News : ऊर्जा दक्षता बढ़ाने और ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार के अनुकरणीय प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है। पंजाब राज्य ने राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार–2025 की “राज्यों की प्रदर्शन श्रेणी” में देशभर में दूसरा स्थान प्राप्त किया है।

पंजाब के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत मंत्री अमन अरोड़ा ने आज दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार–2025 समारोह के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से यह महत्वपूर्ण पुरस्कार प्राप्त किया।

इतने हजार ऊर्जा चालित पंप लगाए

पुरस्कार समारोह के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए अरोड़ा ने कहा कि इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के साथ पंजाब ऊर्जा दक्षता के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले देश के शीर्ष राज्यों में शामिल हो गया है। उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा इस क्षेत्र के बुनियादी ढांचे को और सुदृढ़ करने के लिए किए गए प्रयासों का उल्लेख करते हुए बताया कि पंजाब के कृषि क्षेत्र में अब तक 18,000 सौर ऊर्जा चालित पंप लगाए जा चुके हैं और इस संख्या को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास जारी हैं।

रूफटॉप प्रोजेक्ट सफलतापूर्वक स्थापित

इसके अलावा, छोटे और मध्यम औद्योगिक इकाइयों की श्रेणी के अंतर्गत वेरका संयंत्रों में 185 ऊर्जा-कुशल तकनीक वाली मोटरें स्थापित की जा चुकी हैं। इन प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए राज्य सरकार ने राज्य की सरकारी इमारतों में 35 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा रूफटॉप प्रोजेक्ट सफलतापूर्वक स्थापित किए हैं।

ऊर्जा दक्षता बढ़ाने और संरक्षण के लिए अहम कदम

अमन अरोड़ा ने कहा कि इमारतों में ऊर्जा दक्षता बढ़ाने और संरक्षण के लिए उठाए गए कदम वाणिज्यिक क्षेत्र में ऊर्जा बचत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इसके लिए ऊर्जा-कुशल डिज़ाइन, उपयुक्त निर्माण सामग्री के उपयोग और ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता का पालन किया जाता है।

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण भवन कोड

उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त, पंजाब सरकार ने संयुक्त जलवायु क्षेत्र के लिए राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण भवन कोड में संशोधन कर पंजाब ऊर्जा संरक्षण भवन कोड (ईसीबीसी) को अधिसूचित करने की पहल की है। भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए भवन नियमों को लागू किया जा रहा है। अब तक 850 इमारतों को ईसीबीसी नियमों के अनुपालन के अंतर्गत लाया जा चुका है।

मिलियन यूनिट ऊर्जा की बचत

ऊर्जा संरक्षण और ऊर्जा दक्षता के क्षेत्र में की गई पहलों के लिए पंजाब ऊर्जा विकास एजेंसी (पेडा) के अधिकारियों की सराहना करते हुए अरोड़ा ने कहा कि इन समग्र प्रयासों के परिणामस्वरूप अब तक 12,000 मिलियन यूनिट ऊर्जा की बचत संभव हो पाई है।

विद्युत उत्पादन को अपनाना समय की आवश्यकता

कैबिनेट मंत्री अरोड़ा ने कहा कि औद्योगिक विस्तार और बुनियादी ढांचे की आवश्यकताओं के साथ-साथ बिजली की मांग भी बढ़ रही है। इसे ध्यान में रखते हुए पारंपरिक विद्युत उत्पादन के स्थान पर सौर ऊर्जा, जलविद्युत उत्पादन और बायोमास आधारित विद्युत उत्पादन को अपनाना समय की आवश्यकता है। ये तरीके ऊर्जा दक्षता और संरक्षण के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए भी सबसे अधिक प्रभावी सिद्ध होंगे।

इस अवसर पर पंजाब ऊर्जा विकास एजेंसी की सीईओ नीलिमा, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत विभाग के प्रशासनिक सचिव डॉ. बसंत गर्ग, अतिरिक्त निदेशक जसपाल सिंह तथा परियोजना अभियंता शरद शर्मा भी उपस्थित थे।

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