Pressure Politics: ‘कांग्रेस रखे दिल बड़ा, क्षेत्रीय दलों के प्रति दिखाए उदारता’
Pressure Politics: विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद महागठबंधन में अलग स्वर सुनाई देने लगे हैं। क्षेत्रीय दल अब आगामी लोकसभा चुनावों में अपनी मांगों को लेकर मुखर हैं। जेडीयू प्रदेश महासचिव के बाद अब बिहार सरकार के मंत्री विजय चौधरी ने भी कांग्रेस को नसीहत दे दी है। वहीं आरजेडी नेता और सांसद डॉ. मनोज झा ने भी कांग्रेस को दिल बड़ा रखने का सुझाव दे दिया। अब ऐसे में महागठबंधन में क्षेत्रीय दलों की कितनी सुनी जाती है यह तो आने वाले दिन ही बताएंगे।
Pressure Politics: इस चुनाव में भी दिखे कुछ स्पष्ट संदेश
चार राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद बिहार सरकार के मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि हर चुनाव में कुछ स्पष्ट संदेश आते हैं, 5 राज्य में से 4 राज्य के स्पष्ट संदेश दिख रहे हैं। अब इंडी गठबंधन के जो अलग-अलग घटक दल हैं उन्हें और ज्यादा समझदारी से काम करना होगा। इस चुनाव में हम एक होकर चुनाव नहीं लड़े।
‘आपसी समझदारी बनना जरूरी’
उन्होंने कहा, हमलोग शुरू से कहते हैं आपस की समझदारी बननी चाहिए और विपक्षी दल एकजुट हो जाते हैं तो भाजपा परास्त हो जाती है। एकजुट नहीं होते है तो भाजपा परास्त नहीं होती है। 6 दिसंबर को होने वाली गठबंधन की बैठक में खुले दिल से आना चाहिए।
‘क्षेत्रीय दलों को मिले उचित सम्मान’
वह बोले, कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है। इन चुनावों में कांग्रेस को ज्यादा घाटा हुआ है। नीतीश कुमार गठबंधन के सूत्रधार हैं। पटना से ही इस गठबंधन की शुरूआत हुई। जरूरी है कि गठबंधन में कांग्रेस सभी क्षेत्रीय दलों को उचित सम्मान दे। नीतीश कुमार के नाम पर चुनाव लड़ें इसमें कोई शक नहीं है।
‘हमारा एक ही लक्ष्य, मिलकर लड़ें चुनाव’
विजय चौधरी बोले, सभी पार्टी का एक स्पष्ट फैसला हुआ था कि भाजपा को सत्ता से बेदखल करें। नीतीश कुमार को लेकर अभी कोई जल्दबाजी नहीं है। हमारा एक ही लक्ष्य है मिलकर चुनाव लड़ें। आगामी चुनाव को लेकर एक विश्वसनीय चेहरे पर चुनाव लड़ा जाए। एकसाथ चुनाव नहीं लड़ा तो सबने देखा कि क्या रिजल्ट हुआ।
गठबंधन की सामूहिकता के प्रति संवेदनशील हो कांग्रेस- मनोज झा
पत्रकारों ने सांसद डॉ. मनोज झा से बात की। जब उनसे इंडी एलायंस के बारे में पूछा गया कि कल चुनाव परिणाम के बाद उमर अब्दुल्ला का बयान आया। सपा का बयान आया कि एक साथ मिलकर चुनाव लड़ लेते तो नतीजे कुछ और होते। इस पर उन्होंने कहा एक बात में साफ कहूंगा हम अगर सब कुछ पर एक साथ मिलकर लड़ लेते तो हम एक दल न होते। दिक्कतें आएंगी और दिक्कतें सुलझेंगी भी। कांग्रेस को भी थोड़ा दिल बड़ा करके इंडी गठबंधन की सामूहिकता के प्रति संवेदनशील होना होगा।
रिपोर्टः सुजीत श्रीवास्तव, ब्यूरोचीफ, बिहार
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