अखिल भारतीय बिजली इंजीनियर महासंघ (एआईपीईएफ) एक बार फिर देश में बिजली संकट की आशंका व्यक्त की है। महासंघ ने देशभर के कोयला-आधारित बिजली उत्पादन संयंत्रों में कोयले की समुचित आपूर्ति नहीं होने से आने वाले समय में बिजली संकट की ओर इशारा किया है।
मंगलवार को एआईपीईएफ ने अपने एक बयान में कहा कि गर्मी बढ़ने के साथ ही देश के अधिकांश राज्यों में बिजली की मांग बढ़ी है। लेकिन कोयले से चलने वाले तापीय बिजली संयंत्रों को जरूरी मात्रा में कोयला नहीं मिल रहा है।
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उत्तरी क्षेत्र में हालात ज्यादा खराब
बयान के अनुसार, देश के उत्तरी क्षेत्र में हालात ज्यादा खराब है। सबसे ज्यादा खराब स्थिति राजस्थान और उत्तर प्रदेश की है। राजस्थान में सभी सातों तापीय संयंत्रों के पास कोयले का स्टॉक बहुत कम बचा है। उत्तर प्रदेश में भी अनपरा संयंत्र को छोड़कर तीन सरकारी संयंत्रों में कोयला स्टॉक की स्थिति ठीक नहीं है।
पंजाब में मात्र 17 दिनों का स्टॉक
देश के उत्तरी राज्य पंजाब के राजपुरा संयंत्र में मात्र 17 दिनों का ही कोयला भंडार बचा है। वहीं तलवंडी साबो संयंत्र के पास चार दिन का स्टॉक बचा है। जीवीके संयंत्र के पास कोयले का स्टॉक खत्म हो चुका है। रोपड़ और लहर मोहब्बत संयंत्रों में भी क्रमशः नौ एवं छह दिनों का भंडार ही शेष है।
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दिल्ली से सटे हरियाणा के यमुनानगर संयंत्र में आठ दिन और पानीपत संयंत्र में सात दिन का कोयला बचा है। खेदार बिजली संयंत्र में सिर्फ एक इकाई के ही सक्रिय रहने से 22 दिनों का स्टॉक मौजूद है। देश की उत्तरी राज्यों में शाम के समय 2,400 मेगावॉट बिजली उत्पादन की कमी देखने को मिल रही है।