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UP चुनाव के बीच अयोध्या के DM के आवास का बोर्ड हुआ भगवा से हरा, क्या हैं सियासी मायने ?

ayodhya dm
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यूपी चुनाव में अब भी दो चरणों के चुनाव शेष हैं लेकिन अयोध्या के डीएम नीतीश कुमार के सरकारी अवास के बोर्ड का रंग भगवा से हरा हो गया। लेकिन जिलाधिकारी का कहना है कि इस बारे में उन्हें कुछ नहीं मालूम और पीडब्लयूडी से बात करिए। लेकिन लोक निर्माण विभाग इस बारे में बातचीत करने के लिए तैयार नहीं है।

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दरअसल 24 अक्तूबर 2021 को तत्कालीन जिलाधिकारी अनुज कुमार झा का ट्रांसफर हुआ था। उनके स्थानांतरण के पहले से ही जिलाधिकारी के आवास का निर्माण शुरू किया गया था। यही वजह थी कि पीडब्लयूडी के गैस्ट हाउस में अस्थाई तौर से ट्रांसफर किया गया था।

अयोध्या के मौजूदा जिलाधिकारी का यही आवास और कैंप कार्यलय है। उस समय जिलाधिकारी के कैंप के पास जो बोर्ड लगा था उसका रंग भगवा था, और सफेद रंग से जिलाधिकारी का आवास लिखा गया था। लेकिन बुधवार को अचानक इस बोर्ड को बदल दिया गया।

अब हरे रंग के नए बोर्ड पर सफेद रंग से जिलाधिकारी आवास लिखा गया है। और रंगों के इस बदलाव के सियासी मायने निकलना लाजमी था। अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या 10 मार्च के बाद कुछ बदलने वाला है।

क्या यूपी में आएगी नई सरकार ?

यूपी में दो चरणों के मतदान बाकी हैं। एक-एक वोट के लिए कड़ी सियासी टक्कर जारी है। ऐसे में अयोध्या जैसी चर्चित सीट के जिलाधिकारी के आवास के बोर्ड का रंग बदल जाना, कई बातों की ओर इशारा कर रहा है। इसमें सबसे बड़ी वजह भाजपा और सपा के झंडों को माना जा रहा है। क्योंकि भाजपा के झंडों का रंग भगवा है और सपा के झंडोंं का रंग हरा। डिएम आवास के बोर्ड का रंग बदला जाना सियासी चर्चा को तेज करता है।

क्या कहते हैं DM ?

जिलाधिकारी के आवास के बोर्ड रंग बदलते ही सोशल मीडिया पर भी अटकलें तेज हो गई। डीएम कहते हैं कि वो खुद पीडब्लयूडी विभाग के गैस्ट हाउस में आस्थाई तौर पर रह रहे हैं क्योंकि आवास निर्माणाधीन है। उन्होंने कहा कि पहले भी बोर्ड का रंग हरा था, बाद में बदल कर भगवा कर दिया गया।

लेकिन सवाल साफ है कि अगर ये रंग हरा था तो उसे बदलकर भगवा क्यों किया गया। और फिर अचानक इस चुनावी माहौल में बोर्ड का रंग बदलकर हरा क्यों किया गया।

अधिकारी होते हैं मौसम वैज्ञानिक

इन्हीं चर्चाओं के बीच अयोध्या सदर के सपा प्रत्याशी तेज नारायण पांडे ने कहा कि अधिकारी मौसम वैज्ञानिक होते हैं। उन्हें पहले ही पता चल जाता है कि सरकार किसकी आने वाली है।

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