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तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के प्रस्ताव को मंजूरी, अनुराग ठाकुर ने दी जानकारी

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केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक आयोजित

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कृषि कानूनों को रद्द करने की औपचारिकता पूरी

नई दिल्ली: बुधवार को नई दिल्ली में केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक आयोजित की गई. जिसमें तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है. शीतकालीन सत्र के पहले सप्ताह में प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. बैठक के बाद केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि 19 नवंबर को पीएम ने कानूनों को वापस लेने की घोषणा की थी. प्राथमिकता के आधार पर प्रस्ताव को कैबिनेट में लाया गया. कैबिनेट में औपचारिकता पूरी कर ली गई है.

अनुराग ठाकुर ने कहा, ”तीनों कृषि बिल अगले हफ़्ते की शुरुआत में संसद का शीत सत्र आएगा और वहां बची प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. इसके साथ ही तीनों कृषि क़ानून औपचारिक रूप से ख़त्म हो जाएंगे.”

इसके अलावा किसानों की अन्य मांगों को लेकर ठाकुर ने कोई जवाब नहीं दिया. किसानों के घर चले जाने वाले सवाल पर ठाकुर ने मीडिया कर्मी से ही प्रश्न पूछ लिया कि क्या किसानों को अब घर चले जाना चाहिए. उन्होंने बताया कि कैबिनेट की बैठक में कोविड महामारी के चलते प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण अन्न योजना को अगले साल 22 मार्च तक बढ़ा दिया गया है. अनुराग ठाकुर ने कहा कि इस योजना के तहत देश के क़रीब 80 करोड़ लोगों को मुफ़्त में पांच किलो गेंहू या चावल मिलता है.   

दूसरी ओर, किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि सरकार को किसानों की अन्य मांगों को भी मान लेना चाहिए. सरकार को MSP पर कानून बनाना चाहिए. 26 जनवरी से पहले आंदोलन में मारे गए किसानों के परिजनों को मुआवजा दिया जाए. उसके बाद ही तत्काल आंदोलन को समाप्त किया जा सकता है. बता दे कि किसानो आंदोलन को लगभग एकसाल पूरा हो चुका है.

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