गहलोत के बाद राजस्थान की सीएम कुर्सी को लेकर सचिन पायलट के उठ रहे नाम को कांग्रेस क्यों नहीं कर रही नाराज, जानें

कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव में अशोक गहलोत की उम्मीदावारी के साथ ही राजस्थान की गद्दी को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट(Former Deputy Chief Minister Sachin Pilot) के नाम को लेकर अटकलों का दौर जारी है। हालांकि, पार्टी के नेताओं का कहना है कि वे आलाकमान की बात मानेंगे। यही बात गहलोत भी कर चुके हैं। आने वाले सियासी हालात को देखा जाए, तो कांग्रेस भी 2020 में बगावत कर चुके पायलट को नाराज न करना चाहे।
गहलोत सरकार में रहे मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कहीं ये बातें
गहलोत सरकार में मंत्री रहे राजेंद्र गुढ़ा कहते हैं कि अगर आलाकमान पायलट के नाम पर मुहर लगाती है, तो भी वह आदेश मानने को तैयार हैं। उन्होंने कहा, ‘हम पार्टी नेतृत्व के फैसले के साथ हैं। सोनिया जी, राहुल जी और प्रियंका जी जो भी फैसला लेंगी, हम सभी 6 उसका स्वागत करेंगे।’ गुढ़ा उन्हीं 6 विधायकों में शामिल हैं, जो बहुजन समाज पार्टी से कांग्रेस में आ गए थे। उन्होंने कहा, ‘हम पार्टी के साथ हैं। फिर पायलट जी हों या भरोसी लाल जी को सोनिया जी तरफ से सीएम बनाया जाए। हम उनके साथ हैं।’ खास बात है कि एक और मुद्दे को लेकर चर्चाएं जारी हैं कि जब राजस्थान के अगले सीएम का फैसला किया जाएगा, तो ‘हाईकमान’ कौन होगा।
पायलट को क्यों नाराज नहीं करना चाहेगी कांग्रेस
पहली वजह, राजस्थान में साल 2023 के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में अगर दरकिनार किए जाने के बाद वह विरोध जाहिर करते हैं, तो पार्टी के लिए मुश्किल हो सकती है। दूसरी वजह, कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो’ यात्रा का एक अहम पड़ाव राजस्थान भी है। मध्य प्रदेश के बाद राहुल गांधी के नेतृत्व में पदयात्रा राज्य में प्रवेश करेगी और करीब 21 दिनों तक सफर करेगी। मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि राहुल भी अक्टूबर-नवंबर में यात्रा के राजस्थान पहुंचने से पहले राहुल इस मुद्दे को सुलझाना चाहेंगे।
साल 2020 में भी पायलट ने गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत कर दी थी। उस दौरान वह करीब 18 विधायकों के साथ दिल्ली पहुंच गए थे। हालांकि, उनके प्रयास सफल तो नहीं हुए थे, लेकिन करीब महीने भर के लिए राजस्थान की सियासत में भूचाल आ गया था। गांधी परिवार के दखल देने के बाद मामला सुलझा था। नतीजा यह हुआ था कि पायलट को उपमुख्यमंत्री का पद गंवाना पड़ा था।