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देश में छिड़ी सियासी तकरार, उदयनिधि स्टालिन के बयान पर स्मृति का पलटवार

तमिलनाडू के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और द्रविड़ द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (डीएमके) नेता उदयनिधि स्टालिन ने शनिवार 2 सितंबर को सनातन धर्म की तुलना डेंगू मलेरिया और कोरोना से की। उदयनिधि के इस बयान से देश में सियासी घमासान छाया हुआ है। बता दें कि इंड़िया गुट में डीएमके एक बड़ा घटक दल है। अब भाजपा नेताओं ने इस मुद्दे पर विपक्षी दल पर निशाना साधा है। वहीं महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने भी इस मामले पर चुप्पी तोड़ अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। इसी बीच बुधवार 6 सितंबर को दिल्ली के द्वारका में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान स्मृति ईरानी ने कहा कि ‘जिन लोगों ने सनातन धर्म को चुनौती दी है उनकी कानों तक हमारे स्वर पहुंचे कि जब तक एक-एक भक्त इस पुण्य धरती पर जीवित है तब तक कोई ऐसी नहीं जो हमारे धर्म और आस्था को चुनौती नहीं दे सकता है’। इसके बाद स्मृति ईरानी ने ‘कृष्ण कन्हैया लाल का जय की’ उद्घोषणा की

भाजपा ने  INDIA पर साधा निशाना

बता दें कि इंड़िया गठबंधन में डीएमके एक बड़ा दल है। वहीं, उदयनिधि के इस बयान पर कांग्रेस ने चुप्पी साध ली है। भाजपा नेताओं का आरोप है कि कांग्रेस और विपक्षी दल सनातन धर्म को खत्म करना चाहते हैं। भाजपा नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा तक ने कहा कि विपक्षी दल केवल तुष्टिकरण की राजनीति करते हैं। इसी बीच जन्माष्टमी के अवसर पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी इस मामले पर अप्रत्यक्ष तौर पर विपक्ष पर निशाना साधते हुए नजर आई।

विपक्ष में बेचैनी साफ दिख रहीः पीएम मोदी

इस विषय पर पीएम मोदी ने भी बुधवार 6 सितंबर को कैबिनेट बैठक के दौरान चर्चा की। पीएम ने कैबिनेट बैठक में कहा कि इस मामले में हमें सही से जवाब देना चाहिए। पीएम ने कहा कि सनातन धर्म का अपमान करके विपक्ष फंस चुका है और विपक्ष में बेचैनी साफ दिख रही है।

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