
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (Delhi-Meerut Expressway) पर स्पीड लिमिट के संबंध में, दिल्ली पुलिस ड्राइवरों को गलत तरीके से जारी किए गए चालानों के पैसे रिफंड करेगी। आपको बता दें कि दिल्ली पुलिस ने हाई कोर्ट में एक हलफनामे दाखिल किया था, जिसमें ये बात कही गई है। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि जिन लोगों को सितंबर से 10 अक्टूबर, 2019 के बीच ओवरस्पीडिंग के लिए जुर्माना मिला है, उन्हें उतनी राशी रिफंड कर दी जाएगी।
पुलिस ने बताया है कि रिफंड करने के लिए एक सिस्टम बनाया जाएगा। आपको बता दें कि कथित तौर पर विवाद बढ़ने के बाद पुलिस ने चालान वापस लेने का फैसला किया। हालांकि, एनएचए ने हस्तक्षेप किया, लेकिन कई लोग पहले ही चालान का भुगतान कर चुके थे। इसके बाद मामला कोर्ट के सामने लाया गया।
Delhi-Meerut Expressway पर वाहनों के चालान काटे
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे की शीर्ष गति सीमा राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा 70 किमी/घंटा निर्धारित की गई थी, लेकिन सितंबर और अक्टूबर 2019 के बीच, ट्रैफिक पुलिस ने इस सीमा को 60 किमी/घंटा मानकर हजारों लोगों को कैमरों के माध्यम से चालान जारी किया। गौरतलब है कि हाईकोर्ट में पवन प्रकाश पाठक नाम के एक व्यक्ति ने जनहित याचिका दायर की थी। याचिका में यात्रियों का चालान वापस लेने की मांग की गई थी।
ओवरस्पीडिंग पर कैसे नजर रखी जाएगी?
आपको बता दें कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर मोटर मार्ग का प्रबंधन निर्धारित गति सीमा से ज्यादा रफ्तार को सख्ती से प्रतिबंधित करेगा। दिल्ली-जयपुर खंड पर निर्धारित गति सीमा से ज्यादा पर वाहन चलाने पर दंडित किया जाएगा। जानकारी के अनुसार, निर्धारित गति को पार करने वालों के मोबाइल पर एक एसएमएस अलर्ट भेजा जाएगा। मालिक से संपर्क करने और तेज़ गति की रिपोर्ट करने के लिए कैमरे का इस्तेमाल किया जाएगा। आपको बता दें कि अधिकारी मालिक के फ़ोन नंबर पढ़ने के लिए FasTag का उपयोग करेंगे।
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