दो दिवसीय यात्रा पर सिंगापुर पहुंचे PM मोदी, हुआ जोरदार स्वागत…जानें क्यों अहम है ये दौरा ?

PM Modi

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PM Modi Singapore Visit : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिंगापुर की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर चांगी हवाई अड्डे पर पहुंचे। अपनी यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग से मिलेंगे। प्रधानमंत्री मोदी सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम से मुलाकात करेंगे और सिंगापुर के नेतृत्व के साथ बातचीत करेंगे। वह सिंगापुर के व्यवसायियों से भी मिलेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सिंगापुर पहुंचने पर भारतीय समुदाय के लोगों ने उनका स्वागत किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी वहां मौजूद कलाकारों के साथ ढोल बजाते भी नजर आए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सिंगापुर के एक होटल में भारतीय समुदाय द्वारा स्वागत किया गया। अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग, राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम और सिंगापुर के शीर्ष नेताओं से मुलाकात करेंगे। वे सिंगापुर के व्यवसायियों से भी मिलेंगे।

कई एमओयू साइन होंगे

प्रधानमंत्री के सिंगापुर दौरे में कई एमओयू साइन होंगे। बता दें कि अगले साल भारत और सिंगापुर के राजनायिक संबंधों के 60 साल पूरे हो जाएंगे। ऐसे में यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है। इसमें दोनों देशों के बीच ग्रीन हाइड्रोजन, सेमीकंडक्टर और खाद्य सुरक्षा जैसे मुद्दों पर एमओयू साइन हो सकते हैं।

छह साल बाद सिंगापुर का दौरा

बता दें कि पीएम मोदी छह साल बाद सिंगापुर का दौरा कर रहे हैं। पीएम इस दौरे में सिंगापुर के नए प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे। पीएम मोदी का यह दौरा एक्ट ईस्ट पॉलिसी के लिहाज से महत्वपूर्ण है। पीएम मोदी सिंगापुर की नई सरकार के प्रधानमंत्री लारेंस वॉन्ग से मुलाकात करेंगे।

बिजनेस कंपनियों को सीईओ से भी मुलाकात

बात अगर आसियान देशों की करें तो सिंगापुर भारत का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है। पीएम मोदी अपने इस दौरे में बिजनेस लीडर्स और कई बड़ी बिजनेस कंपनियों को सीईओ से भी मुलाकात करेंगे। उम्मीद है कि इस दौरान साउथ चाइना सी और म्यांमर जैसे मुद्दों पर भी वार्ता हो सकती है। बात अगर सभी देशों की करें तो उस लिहाज से भी सिंगापुर और भारत के रिश्ते अहम हैं। सिंगापुर भारत का छठा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है।

एक्ट ईस्ट पॉलिसी पर भी होगी बात

वहीं अगर बात एक्ट ईस्ट पॉलिसी की करें तो यह भारत के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है। इसका उद्देश्य हिंद महासागर में बढ़ रही समुद्री क्षमता का मुकाबला करना तो है ही साथ ही साउथ चाइना सी और हिंद महासागर में रणनीतिक साझेदारी का निर्माण भी इस पॉलिसी का प्रमुख उद्देश्य है।

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