उल्फा के साथ शांति समझौते का पूरे पूर्वोत्तर में पड़ेगा व्यापक प्रभाव : हिमंत सरमा
Assam : राज्य के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के वार्ता समर्थक गुट के साथ शांति समझौते का पूरे पूर्वोत्तर में व्यापक प्रभाव पड़ेगा। वहीं, असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने उल्फा के वार्ता समर्थक गुट के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर को मील का पत्थर करार दिया है।
विकसित पूर्वोत्तर हर भारतीय का सपना है
शांति समझौते के लिए बीजेपी के कई नेताओं द्वारा दिये गये बधाई संदेशों का ‘एक्स’ पर जवाब देते हुए सरमा ने कहा कि शांतिपूर्ण, समृद्ध और विकसित पूर्वोत्तर हर भारतीय का सपना है, और यह पीएम मोदी के अथक प्रयासों से पूरा हो रहा है। उन्होंने कहा कि उल्फा के साथ समझौते पर हस्ताक्षर से न केवल असम बल्कि पूरे क्षेत्र का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित होगा।
सीएम सरमा ने क्या कहा?
सीएम सरमा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि पीएम मोदी के आशीर्वाद से, पूर्वोत्तर क्षेत्र मिलकर एक विकसित भारत के निर्माण में योगदान देगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। सीएम ने उम्मीद जताई कि इससे अन्य लोगों को मुख्यधारा में आने और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने की प्रेरणा मिलेगी।
शांति समझौता एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है
सीएम सरमा ने कहा कि लोग उल्फा के साथ स्थायी शांति चाहते हैं ताकि विकास यात्रा लगातार जारी रह सके। असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने उल्फा के वार्ता समर्थक गुट के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने की महत्वपूर्ण पहल करने के लिए केंद्र सरकार की सराहना की। कटारिया ने यहां एक बयान में कहा कि शांति समझौता असम में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, और निश्चित रूप से इससे शांति और विकास का एक नया अध्याय शुरू होगा। यह महत्वपूर्ण पहल क्षेत्रीय शांति और स्थिरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण विकास का प्रतीक है।
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