Pakistan: पूर्व वित्त मंत्री ने बताया आर्थिक संकट से निकलने का तरीका, कहा- बढ़ रही जनसंख्या पर लगे रोक

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इस्लामाबाद: पाकिस्तान के सामने एक बड़ा आर्थिक संकट है। इस संकट से बचने का तरीका पूर्व वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने बताया है। मिफ्ताह ने कहा है कि पाकिस्तान को अगर खुद को आर्थिक संकट और आईएमएफ के लोन से बचाना है तो उसे अपनी जीडीपी पर 15 फीसदी टैक्स और जीडीपी का 15 फीसदी निर्यात करना होगा। हबीब यूनिवर्सिटी में ‘पाकिस्तान की पुनर्कल्पना’ शीर्षक पर सेमिनार को संबोधित करते हुए मिफ्ताह इस्माइल ने कहा कि पाकिस्तान तब तक आईएमएफ और इंटरनेशनल एजेंसियों से कर्ज लेता रहेगा, जब तक देश जीडीपी का 15 फीसदी टैक्स और 15 फीसदी निर्यात का लक्ष्य हासिल नहीं कर लेता।

हमें एकजुट होने की जरूरत- मिफ्ताह

उन्होंने कहा, ‘1998 में जीडीपी पर हमारा टैक्स 16 फीसदी था। वहीं आज यह सिर्फ 9 फीसदी है।’ इसके साथ ही उन्होंने सरकार से अपने खर्चे कम करने को कहा है। उन्होंने आग्रह किया है कि पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस जैसी घाटे में चलने वाले PSU कंपनियों का प्राइवेटाइजेशन किया जाए। उन्होंने ऐसे प्वाइंट्स पर चर्चा की जो पाकिस्तान की समस्याओं को हल करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। सबसे पहले मिफ्ताह ने कहा कि हमें एक राष्ट्र के रूप में एकजुट होने की जरूरत है।

जनसंख्या नियंत्रण की जरूरत

उन्होंने आगे कहा कि अभिजात वर्ग को विकास की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि उनके पास संसाधन और बचत हैं। लेकिन गरीबों के पास ऐसा नहीं है। हमें रोजगार सृजन और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने की जरूरत है। हमें नागरिकों को स्वास्थ्य सेवा देने की जरूरत है। इसके अलावा उन्होंने पाकिस्तान में जनसंख्या नियंत्रण के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘हमारे पास फैमिली प्लानिंग नहीं है। हमारी जनसंख्या बेहद तेजी से बढ़ रही है, जिसके कारण हम हर साल जीडीपी का 1 फीसदी खो रहे हैं।’

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