
Ovarian Cancer : अंडाशय का कैंसर एक गंभीर और चुनौतीपूर्ण बीमारी है, जो कि महिलाओं में होने वाला कैंसर है। यह अंडाशयों में उत्पन्न होती है। अंडाशय की कोशिकाओं में अनियंत्रित वृद्धि हो जाती है और ट्यूमर का निर्माण होता है, तब अंडाशय का कैंसर होता है।
लक्षण
प्रारंभिक अवस्था में अंडाशय के कैंसर के लक्षण अक्सर स्पष्ट नहीं होते। यह आमतौर पर तब पता चलता है जब बीमारी उन्नत चरण में पहुंच जाती है।
पेट में दर्द या ऐंठन।
अनियमित मासिक धर्म।
अस्वस्थता और थकावट।
पेशाब करने में कठिनाई।
पेट का फूलना।
भूख कम होना।
जोखिम कारक
कुछ जोखिम कारक हैं जो इस बीमारी के विकास की संभावना को बढ़ा सकते हैं –
अगर परिवार में किसी को अंडाशय का कैंसर या ब्रेस्ट कैंसर है, तो जोखिम अधिक हो होता है।
हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी का उपयोग भी जोखिम बढ़ा सकता है।
आमतौर पर यह बिमारी 50 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में अधिक पाई जाती है।
जिन महिलाओं की प्रसव की उम्र 30 वर्ष के बाद थी या जिन्होंने कभी गर्भधारण नहीं किया, उनमें इस बीमारी का खतरा अधिक हो सकता है।
उपचार और निदान
अंडाशय के कैंसर का निदान करने के लिए शारीरिक परीक्षा, मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग, सीटी स्कैन, ब्लड टेस्ट, बायोप्सी और अल्ट्रासाउंड जौसी जांच विधियों का उपयोग किया जाता है।
सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी और हार्मोनल थेरेपी को द्वारा अंडाशय के कैंसर का उपचार किया जा सकता है।
अंडाशय का कैंसर एक गंभीर स्थिति है। मगर, उचित उपचार और प्रारंभिक पहचान के जरिए इससे बचले में मदद मिल सकती है। बीमारी की जानकारी और उचित देखभाल के साथ, मरीज की जीवन गुणवत्ता और दीर्घकालिक स्वास्थ्य में सुधार संभव है। यदि किसी को अंडाशय के कैंसर के लक्षण दिखें, तो तुरंत चिकित्सा सलाह लेना महत्वपूर्ण है।
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