अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने वाले तीसरे LS अध्यक्ष बनेंगे Om Birla?

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सोमवार को कांग्रेस लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है। अगर ऐसा हुआ तो, ओम बिड़ला, इस तरह के प्रस्ताव का सामना करने वाले तीसरे अध्यक्ष बन सकते हैं। जानकारी के अनुसार, इससे पहले ये प्रस्ताव जी.वी. मावलंकर और बलराम जाखड़ के खिलाफ लाया गया था।

कांग्रेस के सूत्रों से ये जानकारी मिली है कि इस मुद्दे पार्टी अभी परामर्श कर रही है। हालांकि, पार्टी सांसदों ने इस कदम के लिए याचिका पर हस्ताक्षर करना शुरू कर दिया है।

आपको बता दें कि बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर कागज फेंके गए थे। ये तब हुआ जब कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की अयोग्यता का विरोध कर रहे थे।

गौरतलब है कि अध्यक्ष के खिलाफ पहला प्रस्ताव 1954 में लाया गया था। उस समय जी.वी. मावलंकर अध्यक्ष की कूर्सी पर थे और प्रधानमंत्री का पद जवाहरलाल नेहरू संभाल रहे थे। इसके बाद ये 1987 में फिर से स्पीकर बलराम जाखड़ के खिलाफ लाया गया था। उस समय राजीव गांधी प्रधान मंत्री थे। ये प्रस्ताव सोमनाथ चटर्जी द्वारा पेश किया गया था। दोनों ही मामलों में सदन की अध्यक्षता उपसभापति करता था लेकिन आपको बता दें कि अभी लोक सभा में कोई उपाध्यक्ष नहीं है।

गौरतलब है कि विपक्ष अब स्पीकर ओम बिड़ला के खिलाफ उनके नेताओं को ‘निचले सदन में बोलने की अनुमति नहीं देने’ और किसी स्थगन नोटिस को स्वीकार नहीं करने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाने पर विचार कर रहा है। कांग्रेस राहुल गांधी की अयोग्यता से नाराज है। साथ ही पार्टी ये आरोप लगा रही है कि ये निर्णय जल्दबाजी में लिया गया है।

गुजरात की सूरत जिला अदालत ने 23 मार्च को कांग्रेस सांसद को 2019 में उनकी कथित ‘मोदी उपनाम’ टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि के मामले में दोषी ठहराया था। उन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत दोषी ठहराया गया था। इस धारा के तहत अधिकतम सजा दो साल है।

भारतीय जनता पार्टी के विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ उनकी कथित “कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है…” टिप्पणी के लिए मामला दर्ज किया था।

शुक्रवार को सूरत की एक अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के 24 घंटे बाद गांधी को सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था।