Nipah Virus: निपाह का बरसा कहर, कोझिकोड में 24 सितंबर तक सभी शैक्षणिक संस्थान बंद

Nipah Virus: निपाह का बरसा कहर, कोझिकोड में 24 सितंबर तक सभी शैक्षणिक संस्थान बंद
कोरोना वायरस के बाद अब देश में एक नया संकट अपने पैर पसार रहा है। फिलहाल ये वायरस देश के दक्षिणी हिस्से में फै रहा है। दरअसल केरल में निपाह वायरस इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है। संक्रमण के कारण केरल के कोझिकोड में सभी शैक्षणिक संस्थान अगले रविवार यानी 24 सितंबर तक बंद कर दिए गए हैं। जिला प्रशासन ने शुक्रवार को कहा कि पूरे हफ्ते शैक्षणिक संस्थानों की ऑनलाइन कक्षाएं चलेंगी। इन शैक्षणिक संस्थानों में ट्यूशन सेंटर, स्कूल और कॉलेज शामिल हैं।
हजार से अधिक लोग संक्रमण का शिकार
जिला प्रशासन ने शुक्रवार को कहा कि पूरे हफ्ते शैक्षणिक संस्थानों की ऑनलाइन कक्षाएं चलेंगी। स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा है कि मौजूदा समय में संक्रमित व्यक्तियों की संपर्क सूची में 1,080 लोग हैं जबकि 130 नए लोगों को सूची में शामिल किया गया है। इस लिस्ट में 327 स्वास्थ्य कर्मी हैं। वहीं, अन्य जिलों में कुल 29 लोग निपाह वायरस से संक्रमित हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि संक्रमण में 22 मलप्पुरम से, 1 वायनाड से, 3 कन्नूर और 3 त्रिशूर से हैं। स्वास्थ्य मंत्री वीना ने बताया कि संपर्क सूची में लोगों की संख्या बढ़ने की आशंका है, क्योंकि 30 अगस्त को मरने वाले व्यक्ति का परीक्षण का रिजल्ट पॉजिटिव आया है, जिससे यह जिले में निफा का सूचकांक मामला बन गया है। उन्होंने कहा कि उच्च जोखिम वाली श्रेणी में 175 आम लोग और 122 स्वास्थ्यकर्मी हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों की संख्या बढ़ने की संभावना है, क्योंकि 30 अगस्त को मरने वाले व्यक्ति की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। निपाह वायरस से निपटने हेतू जिला कलेक्टर को अस्पतालों में संक्रमण नियंत्रण प्रोटोकॉल को लेकर आदेश दे दिए गए हैं। इस इलाज के लिए सभी अस्पतालों को एक मेडिकल बोर्ड बनाने का भी निर्देश दिया गया है।
निपाह के अब तक छह मामले
केरल में निपाह संक्रमण के मामले बढ़कर 6 पहुंच गए हैं, जिनमें से अब तक दो लोगों की मौत हुई है। वहीं दूसरी ओर नई दिल्ली स्थित भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने ऑस्ट्रेलिया से निपाह वायरस के लिए मोनोक्लोनल एंटीबॉडी मंगा ली हैं। पांच साल पहले 2018 में जब निपाह के मामले मिले, तब भी ऑस्ट्रेलिया से मोनोक्लोनल एंटीबॉडी आईं हालांकि संक्रमण का प्रसार नहीं बढ़ने पर इनका इस्तेमाल नहीं हुआ।