पश्चिम एशिया में हुई घटनाओं से उभर रहीं नई चुनौतियां : पीएम मोदी
New Delhi: G-20 की मेजबानी के बाद भारत की कूटनीति में ग्लोबल साउथ समिट काफी अहम हो गया है। पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दूसरी वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी ने ग्लोबल साउथ के देशों के लिए एक ग्लोबल केंद्र का उद्घाटन किया। जिसका नाम दक्षिण रखा। पीएम मोदी ने कहा कि इस केंद्र का प्रस्ताव उन्होंने वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट के पहले चरण में रखा था। इस दौरान, पीएम मोदी ने कहा कि हम सभी देख रहे हैं कि पश्चिम एशिया क्षेत्र की घटनाओं से नई चुनौतियां उभर रही हैं।
पीएम मोदी ने जताई खुशी
पीएम मोदी ने दूसरे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट के उद्घाटन सत्र में कहा कि मैंने पहले सम्मेलन के दौरान ग्लोबल साउथ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना का प्रस्ताव दिया था। मुझे खुशी है कि दक्षिण विकास और ज्ञान साझा करने की पहल ग्लोबल साउथ सेंटर फॉर एक्सीलेंस का आज उद्घाटन किया जा रहा है।
हमारी प्राथमिकताएं समान हैं
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ 21वीं सदी की बदलती हुई दुनिया का सबसे अनूठा मंच है। भौगोलिक रूप से ग्लोबल साउथ हमेशा से रहा है। किंतु, उसे इस प्रकार से आवाज पहली बार मिल रही है। ये हमारे साझा प्रयासों से हो पाया है। हम सौ से ज्यादा अलग-अलग देश हैं। किंतु, हमारे हित समान हैं, हमारी प्राथमिकताएं समान हैं।
इजरायल-हमास संघर्ष में नागरिकों की मौत की निंदा करते हैं
पीएम मोदी ने कहा कि हम सभी देख रहे हैं कि पश्चिम एशिया क्षेत्र की घटनाओं से नई चुनौतियां उभर रही हैं। भारत ने सात अक्तूबर को इजरायल में हुए आतंकी हमले की निंदा की है। हमने संयम भी बरता है। हमने बातचीत और कूटनीति पर जोर दिया है। हम इजरायल और हमास के बीच संघर्ष में नागरिकों की मौत की भी कड़ी निंदा करते हैं। फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास से बात करने के बाद हमने फलस्तीन के लोगों को मानवीय मदद भी भेजी है। यह वह समय है जब ग्लोबल साउथ के देशों को व्यापक वैश्विक भलाई के लिए एकजुट होना चाहिए।
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