पूर्व क्रिकेटर और पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) शुक्रवार को पटियाला की एक स्थानीय अदालत में आत्मसमर्पण (सरेंडर) करेंगे। दरअसल को सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में एक साल की सजा सुनाई है। जिस मामले में उन्हें सजा सुनाई गई है, वह 34 साल पुराना है।
बताया जाता है कि सिद्धू 10 से 11 बजे के बीच अपने घर से पटियाला कोर्ट के लिए निकलेंगे। उन्होंने पार्टी समर्थकों से सुबह करीब साढ़े नौ बजे अदालत परिसर पहुंचने का भी आग्रह किया।
नवजोत सिंह सिद्धू रोड रेज मामले (1988 Road Rage Case) में आज पटियाला की एक स्थानीय अदालत में सरेंडर करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सिद्धू को 1988 के ‘रोड रेज’ मामले में एक साल कारावास की सजा सुनाई थी। नवजोत सिंह सिद्धू ने शीर्ष अदालत के फैसले के बाद ट्वीट किया, ‘‘कानून का सम्मान करूंगा।’’
क्या है पूरा मामला
अभियोजन पक्ष के अनुसार, नवजोत सिंह सिद्धू और उनके सहयोगी रुपिंदर सिंह संधू 27 दिसंबर, 1988 को पटियाला में शेरांवाला गेट क्रॉसिंग के पास एक सड़क के बीच में खड़ी एक जिप्सी में थे। उस समय गुरनाम सिंह और दो अन्य लोग पैसे निकालने के लिए बैंक जा रहे थे। जब वे चौराहे पर पहुंचे तो मारुति कार चला रहे गुरनाम सिंह ने जिप्सी को सड़क के बीच में पाया और उसमें सवार सिद्धू तथा संधू को इसे हटाने के लिए कहा इससे दोनों पक्षों में बहस हो गई और बात हाथापाई तक पहुंच गई। गुरनाम सिंह को अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई।
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कोर्ट ने क्या फैसला सुनाया
1999 में सेशन कोर्ट ने सिद्धू को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। पीड़ित पक्ष इसके खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट चला गया। हाईकोर्ट ने 2006 में नवजोत सिद्धू को 3 साल कैद की सजा सुनाई और 1 लाख रुपए जुर्माने लगाया। 1988 के मामले में सिद्धू और संधू पर दो केस हैं। पहला गैर इरादतन हत्या का और दूसरा रोड रेज का। मई 2018 में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सिद्धू और संधू रोड रेज के मामले में दोषी ठहराते हुए 3-3 साल कैद की सजा सुनाई। मामला फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू और संधू को सभी आरोपों से बरी कर दिया था। हालांकि, कोर्ट ने रोड रेज मामले में सिद्धू पर 1 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। इसी फैसले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई थी। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को एक साल की सजा सुनाई है।