Budget 2022: आज के बजट में क्या करदाताओं को मिलेगी राहत?

Budget 2022 Expectation: कोरोना महामारी और अर्थव्यवस्था में मजबूती लाने की चुनौती केंद्र सरकार के सामने है। इस बीच वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण आज संसद में वित्त वर्ष 2022-23 का आम बजट पेश करेंगी। इस केंद्रीय बजट में टैक्स छूट, बचत सीमा में बढ़ोतरी और स्वास्थ्य समेत आम आदमी से जुड़ी कई बड़ी घोषणाएं होने की उम्मीद जताई जा रही है।
माना जा रहा है कि वित्तमंत्री नौकरीपेशा करदाताओं को कई सौगातें दे सकती हैं। ऐसे में यह सवाल उठता है कि आज के बजट में वित्तमंत्री कौन-कौन सी घोषणाएं कर सकती हैं।
वर्क फ्रॉम होम में डिडक्शन का विकल्प
कोरोना के दौरान बड़ी संख्या में कंपनियों ने घर से काम करने को प्राथमिकता दी। इसके लिए कर्मचारियों ने घर पर ऑफिस बनाया था। कई कंपनियों ने ऑफिस से जुड़ा सामान जैसे कुर्सी, मेज, इंटरनेट, लैपटॉप-डेस्कटॉप खुद दिया था। जबकि कुछ कंपनियों ने ऑफिस से जुड़ा सामान खरीदने पर री-इंबर्समेंट दिया था।
जानकारों का कहना है कि रि-इंबर्समेंट पर अभी कोई टैक्स छूट नहीं है। ऐसे में वित्तमंत्री वर्क फ्रॉम होम करने वाले कर्मचारियों को 50 हजार रुपए के डिडक्शन का विकल्प दे सकती हैं।
टैक्स स्लैब दरों में बदलाव
60 साल से कम उम्र के लोगों के लिए अभी 2.5 लाख रुपए तक की आय पर कोई टैक्स नहीं है। इसमें वित्त वर्ष 2014-15 से कोई बदलाव नहीं हुआ है। जानकारों का मत है कि लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा देने के लिए सरकार टैक्स छूट की सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर सकती है। हालांकि, सरकार ने 2.5 लाख रुपए से लेकर 5 लाख तक की आय पर लगने वाले टैक्स में छूट कुछ खास मामलों में दे रखी है।
एलटीसी स्कीम की वापसी संभव
अक्टूबर 2020 में सरकार ने यात्रा भत्ता कैश वाउचर स्कीम लॉन्च की थी। इसके तहत कर्मचारियों को बिना यात्रा किए एलटीसी क्लेम करने और टैक्स में छूट की मंजूरी दी गई थी। यह स्कीम 31 मार्च 2021 तक लागू थी।
कोरोना की तीसरी लहर पर काबू पाने के लिए कई राज्यों ने इसपर रोक लगा रखी है। इस कारण नौकरीपेशा अपनी पसंद की जगहों पर यात्रा नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि वित्त मंत्री इस स्कीम को दो साल के लिए और बढ़ाकर 31 मार्च 2023 तक कर सकती हैं।
ज्यादा पीएफ योगदान पर टैक्स में सुधार संभव
फाइनेंस एक्ट 2021 में प्रोविडेंट फंड (पीएफ) में 2.5 लाख से ज्यादा का योगदान देने वालों को टैक्स के दायरे में लाया गया था। इन लोगों को उच्च आय वर्ग का मानते हुए पीएफ से निकासी और बोनस पर टैक्स लगाया गया था। जानकारों का मत है कि इससे नौकरीपेशा पर दोहरा कर बोझ पड़ता है। सरकार आगामी बजट में दोहरे कर से बचाने के लिए संबंधित अधिनियम के तहत प्रासंगिक अनुसूची में संशोधन कर सकती है।