
जस्टिस उदय उमेश ललित (Justice Uday Umesh Lalit) 27 अगस्त को देश के 49वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को जस्टिस यूयू ललित के नियुक्ति वारंट पर हस्ताक्षर करने के साथ नियुक्ति आदेश जारी किया। न्यायमूर्ति ललित 27 अगस्त को सीजेआई का पदभार ग्रहण करेंगे। सीजेआई एनवी रमण (CJI NV Raman) ने न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किए जाने पर बधाई दी है
वर्तमान मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण 26 अगस्त को अपने पद से रिटायर हो रहे हैं। कानून मंत्रालय की ओर से जारी एक अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘संविधान के अनुच्छेद 124 के उपबंध-दो के प्रावधानों के तहत प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए राष्ट्रपति उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश उदय उमेश ललित को भारत का प्रधान न्यायाधीश नियुक्त करती हैं।
कौन हैं जस्टिस उदय उमेश ललित
9 नवंबर, 1957 को महाराष्ट्र में जन्मे जस्टिस ललित सुप्रीम कोर्ट के सीनियर मोस्ट जज और नालसा के एक्जीक्यूटिव चैयरमेन हैं। जस्टिस यू यू ललित ने जून 1983 में बॉम्बे हाईकोर्ट में अधिवक्ता के तौर पर प्रैक्टिस करते हुए अपने करियर की शुरुआत की थी। बढ़ते अपराधिक मामलों के चलते जनवरी 1986 में वह दिल्ली आ गए और सुप्रीम कोर्ट में वकालत करने लगे। वहीं जस्टिस यू यू ललित के अहम फैसलों की बात करें तो वह तीन तलाक को असंवैधानिक करार देने वाली संविधान पीठ के सदस्य थे।
बता दें न्यायमूर्ति ललित का कार्यकाल तीन माह से कम का होगा। वह आठ नवम्बर को 65 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्त होंगे।सीजेआई के रूप में जस्टिस ललित उस कॉलेजियम का नेतृत्व करेंगे, जिसमें जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस कौल, जस्टिस नजीर और जस्टिस इंदिरा बनर्जी शामिल होंगे।